Vande Metro Train: मई से पटरियों पर वंदे मेट्रो दौड़ती नजर आएगी। पंजाब के कपूरथला (Kapurthala) में कोच बनाने का काम 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन मई से रेल पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी। पहला प्रोटोटाइप अप्रैल के अंत तक तैयार हो जाएगा। 16 कोच वाली वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसका खुलासा रेल कोच फैक्ट्री (Rail Coach Factory) जीएम एस श्रीनिवास ने किया है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि जीएम एस श्रीनिवास (GM S Srinivas) वंदे भारत मेट्रो ट्रेन डिजाइन के जनक हैं। आरसीएफ (RCF) में उनके कुशल नेतृत्व में वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण जोरों पर चल रहा है। जीएम ने दावा किया है कि पहला रैक मई में रेलवे पटरी पर उतार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहला प्रोटोटाइप इस महीने के अंत तक कारखाने में परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा। 12 कोचों का निर्माण किया गया है, जो आंतरिक साज-सज्जा के लिए दुकान में हैं।
कारखाने ने पहले निर्माण के लिए 16 कोचों पर 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर लिया है। इसके बाद इन कोचों को रेलवे द्वारा परीक्षण के लिए रखा जाएगा। जिसके बाद इन्हें भारतीय रेलवे के बेड़े में सेवा के लिए भेजा जाएगा।
इस साल 9 वंदे मेट्रो ट्रेनों का निर्माण जाएगा
जीएम ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान 09 और वंदे मेट्रो ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन को 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों की सुविधा के लिए भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की तर्ज पर डिजाइन किया गया है।
उन्होंने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) की तरह ही है। यह 16 वातानुकूलित कोच वाली ट्रेन होगी, जिसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा होगी।
आरामदायक यात्रा का आनंद लेने में मदद करेगी
आपको बता दें कि यह ट्रेन इंटरसिटी यातायात (Train Intercity Traffic) के लिए उपयोगी ट्रेन साबित होगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कोच में 280 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। इनमें 100 बैठे और 180 खड़े यात्री शामिल होंगे। पूरी ट्रेन में कुल 4,364 यात्री आसानी से यात्रा कर सकेंगे। 3 बेंच-प्रकार की बैठने की व्यवस्था के साथ अधिकतम यात्रियों को आरामदायक यात्रा का आनंद लेने में मदद करेगी।
14 सेंसर के साथ आग और धुआं पहचान प्रणाली से लैस
यात्री संचार को बढ़ावा देते हुए, वंदे मेट्रो (Vande Metro) कोच आपातकालीन स्थिति में ट्रेन चालक के साथ संवाद करने के लिए यात्री टॉक बैक सिस्टम से लैस होंगे। हर कोच 14 सेंसर के साथ आग और धुआं पहचान प्रणाली से लैस होगा।
दिव्यांगों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील चेयर व सुलभ शौचालय की सुविधा मौजूद रहेगी। उन्होंने कहा कि ट्रेन एक कवच प्रणाली से सुसज्जित होगी, जो टकराव को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है।