Mycoplasma Pneumoniae Symptoms: दुनिया के कई देशों में निमोनिया (Pneumonia) के केस बढ़ रहे हैं। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अलर्ट पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने पहले ही इसको लेकर एडवाइजरी जारी की थी।
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें
ये भी पढ़ेः चीन की रहस्यमय बीमारी इन देशों तक पहुंची..अलर्ट पर भारत समेत कई देश
आपको बता दें कि चीन में एक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसका नाम है माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumonia), लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि भारत में भी यह बीमारी दस्तक दे चुकी है। बता दें कि दिल्ली के एम्स में इस बीमारी के 7 लोग पॉजिटिव पाए जा चुके है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल महीने से लेकर अक्टूबर 2023 के बीच 7 सैंपल पॉजिटिव पाए गए है। वहीं 67 लोगों के टेस्ट किए जा चुके है। लेकिन इसको लेकर भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय का जवाब सामने आया है।
भ्रामक और गलत है रिपोर्ट
एम्स ने मीडिया में चल रही रिपोर्ट पर बयान जारी करते हुए कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में आए निमोनिया के मामलों का चीन (China) के बैक्टीरिया से कनेक्शन बता रहे हैं वह भ्रामक और गलत है। माइकोप्लाज्मा भारत में पाया जाने वाला निमोनिया का सबसे कॉमन बैक्टीरिया है और इसका चीन में हाल में सामने आए मामलों से संबंध नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार दिल्ली एम्स में मिले निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में फैले रेस्पिरेटरी संक्रमण (Respiratory Infection) की लहर से कोई लेना देना नही है।
क्या हैं माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लक्षण?
बता दें कि एम्स दिल्ली माइकोप्लाज्मा निमोनिया के प्रसार की निगरानी करने वाले वैश्विक संघ का भी हिस्सा है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया संक्रमण के लक्षणों में लंबे समय तक गला खराब होना, थकान, बुखार, खांसी हैं। यह संक्रमण चीन में तेजी से फैल रहा है।
क्या है माइकोप्लाज्मा निमोनिया?
माइकोप्लाज्मा निमोनिया को वॉकिंग (Walking) निमोनिया भी कहा जाता है। निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। लेकिन माइकोप्लाज्मा निमोनिया थोड़ा अलग होता है। इसमें बहुत गंभीर लक्षण नहीं आते हैं। इससे पीड़ित इंसान चल फिर सकता है और अपने दिन भर के काम आसानी से कर सकता है।
सरकार हर तरह की आपात स्थिति से निपटने तैयार
इससे पहले मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि रहस्यमयी निमोनिया से भारत को खतरा कम है लेकिन सरकार हर तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। बच्चों और किशोरों में इन्फ्लूएंजा (Influenza) जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के सभी मामलों की निगरानी की जानी चाहिए। पत्र में गले के स्वाब के नमूनों को रोगाणुओं के परीक्षण के लिए भेजने की जरूरत पर भी विशेष जोर दिया गया है।
ऐसे करें बचाव
निमोनिया या किसी भी तरह की बीमारी से बचाव के लिए खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि डाइट में फल और हरी सब्जी शामिल करें और रोज एक्सरसाइज करें।