सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Pakistan Ukraine War: पाकिस्तान ने रूस को धोखा दिया है। एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। जहां रूस ने पाकिस्तान के लोगों को गेहूं (Wheat) दिया। और सस्ता कच्चा तेल (Crude Oil) दिया। लेकिन बदले में पाकिस्तान रूस के दुश्मन के साथ ही दोस्ती करने लगा। बीते मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान (Pakistan) ने पिछले साल 2 निजी अमेरिकी कंपनियों (American Companies) के साथ 36.4 करोड़ डॉलर का हथियार बिक्री समझौता किया था। ये हथियार कथित तौर पर रूस (Russia) के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए यूक्रेन (Ukraina) भेजे गए थे। पिछले साल 24 फरवरी से रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ था।
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आपको बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) की चोरी जब दुनिया के सामने आ गई है। तो वह खुद को बचाने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने यूक्रेन को हथियारों और गोला, बारूद की किसी भी बिक्री से इनकार किया है। इसके साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच पाकिस्तान सख्त तटस्थता (Strict Neutrality) की नीति बनाए हुए है। लेकिन पहले भी कई संगठन हैं। जो यह दावा करते रहे हैं कि पाकिस्तान यूक्रेन (Pakistan Ukraine) को हथियार बेच रहा है। अभी तक किसी भी तरह के सबूत मुहैया (Provided Proof) नहीं कराए गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने इस खबर में इस बात का जिक्र किया कि जिस समय हथियार देने की बात हो रही है उस समय पीडीएम पार्टी सत्ता में थी। जिसने इमरान को हटाया था।
जनिए कौन से हथियार बेचे गए
पाकिस्तान के पीएम कह रहे हैं कि अगर यूक्रेन (Ukraina) में कोई भी पाकिस्तानी हथियार मिलता है तो यह सिर्फ ब्लैक मार्केट (Black Market) से पहुंचा होगा। लेकिन इस खुलासे ने पाकिस्तान के न्यूट्रल रहने के दावे की पोल खोल दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की 2 प्राइवेट कंपनियों ग्लोबल मिलिट्री और नॉर्थरोप ग्रुम्मन (Northrop Grumman) ने 155 एमएम तोप के गोले खरीदने के लिए पाकिस्तान से समझौता किया। वहीं 23.2 करोड़ डॉलर का समझौता ग्लोबल मिलिट्री और 13.1 करोड़ डॉलर का समझौता दूसरी कंपनी ने किया था यह समझौता पिछले महीने रद्द हो गया।
ब्रिटिश मिलिट्री के विमान से भेजे गए हथियार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फेडरल प्रोक्योरमेंट डेटा सिस्टम (Procurement Data System) से कॉन्ट्रैक्ट की डिटेल देते हुए रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि ये हथियार पाकिस्तान (Weapons Pakistan) से खरीदे गए थे। इन हथियारों को ब्रिटिश मिलिट्री के कार्गो प्लेन के जरिए नूर खान एयर बेस से डिलीवर किया गया। यह प्लेन 5 बार रावलपिंडी में उतरा था। ऐसा सबसे पहला विमान तब रावलपिंडी (Rawalpindi) में उतरा जब पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा यूके में रॉयल मिलिट्री की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान और ब्रिटेन के संबंधों को ऊंचाई पर ले जाने की कसम खाई थी।