नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
Shani Dev: पौराणिक मान्यता के अनुसार मानें तो शनिदेव जी को सूर्य का देवता और न्याय का देवता माना गया है. वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव भगवान् सभी जातकों को उनके कर्म के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं. ऐसे में जो व्यक्ति अच्छे काम करता है तो शनिदेव उसका जीवन सुखों से भर देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मानें तो बुरा काम करने पर शनि देव साढ़ेसाती के दौरान जातक का जीवन पीड़ादायक बना देते हैं. ऐसे में यदि आप शनि आप शनि की साढ़े साती या ढैय्याके चलते जातक का जीवन पीड़ादायक बना देते हैं.
ऐसे में आपके भी शनि की साढ़ेसाती पीड़ित है तो आप इन मन्त्रों के जाप को रोज कर सकते हैं.
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
तांत्रिक शनि मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
यह भी पढ़ें: ध्यान दें..इन चीजों का हाथ से गिरना होता है अशुभ
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
हेल्थ के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
जानिए अन्य शनि मंत्र केर बारे में
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमंते
टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।