कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
Bihar Journalist Murder: ख़बर से तो साफ़ है कि बिहार में एक बार फिर से जंगलराज की वापसी हो गई है। जहां दिन दहाड़े बदमाशों ने पत्रकार की निर्मम हत्या कर दी और प्रशासन मूकबधिर बन कर बैठा रहा। हत्या के बाद सीएम नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने ने बस ये कह कर बात टाल दी कि अधिकारियों से बात हुई है इस मामले पर। लेकिन एक बार भी ये नहीं कहा कि कठोर कदम उठाए जाएंगे।
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दरअसल 18 अगस्त की सुबह-सुबहअररिया जिले के रानीगंज स्थित विमल कुमार यादव के घर पर चार आरोपी पहुंचे और उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। आनन-फानन में विमल को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कुछ साल पहले विमल के भाई की भी बदमाशों ने इसी तरह हत्या कर दी थी. विमल भाई के मर्डर केस में मुख्य गवाह थे. इस केस ट्रायल अभी कोर्ट में चल रहा है. आशंका जताई जा रही है कि इसी के सिलसिले में विमल पर हमला हुआ है.
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अररिया में हुई पत्रकार की हत्या के बाद मामला धीरे धीरे सियासी हो गया और बीजेपी और एनडीए के नेता नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला करते नज़र आये।
घटना पर सांसद चिराग पासवान ने राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार कानून व्यवस्था में विफल रही है. चिराग ने आगे कहा- बिहार मे पुलिस को अपराधी गोली मार दे रहे मुख्यमंत्री जी आप क्या कर रहे है. बिहार मे पुलिस के जवान अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है. आपको बस समीकरण बना कर इधर-उधर कर सरकार मे रहने की आदत हो गई है. बिहार की जनता को भूल गए हैं आप. पत्रकार की हत्या हो गई आप चुप हैं, क्यों?
वही बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कल तक अपराधी को चिंता होती थी। जब से यह घमंडिया गठबंधन और महागठबंधन की सरकार बनी है तब से पुलिस वाले मारे जा रहे हैं और अब पत्रकार भी मारे जा रहे हैं।बिहार में लोकतंत्र पूरी तरह खतरे में है। बिहार में लोकतंत्र समाप्त हो गया है। पत्रकार मारे जाएंगे, पुलिस वाले मारे जाएंगे और अपराधी सरेआम घूमते रहेंगे, ये नीतीश कुमार की सरकार है।