Jyoti Shinde,Editor
मेरा बूथ सबसे मजबूत, आखिर इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल को ही क्यों चुना। आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम मोदी ने एमपी में बीजेपी की मजबूती की नींव रख दी है। यह पीएम नरेंद्र मोदी की मेहनत और रणनीति का ही नतीजा है कि बीजेपी लगातार मध्य प्रदेश में सत्ता पर काबिज है।
पीएम का मध्य प्रदेश से है खास रिश्ता
बीजेपी ने 25 साल पहले नरेंद्र मोदी को मध्य प्रदेश में बीजेपी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस समय नरेंद्र मोदी संगठन मंत्री हुआ करते थे। पार्टी के निर्देश पर नरेंद्र मोदी ने 1998 में एमपी के विधानसभा चुनाव की कमान संभाली। बीजेपी के महासचिव रहते हुए उन्हें मध्य प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया गया। दो महीने तक नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश की 320 सीटों पर नब्ज टटोलते रहे। हर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति को करीब से समझा।
हर सीट के लिए तैयार किए थे रणनीति
नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की हर विधानसभा सीट के लिए रणनीति तैयार किए थे। एमपी में मोदी ने पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता का इस्तेमाल किया था। जो एक महीने के लिए अपना घर छोड़कर पार्टी के लिए काम किए। पार्टी ने उन्हें विस्तारक नाम दिया। प्रदेश भर से ऐसे ढाई सौ कार्यकर्ता मैदान में उतरे थे। उनकी जिम्मेदारी थी कि वह लगातार एक महीने तक चुनाव निदेशक की मदद करेंगे। नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पार्टी के विस्तारकों ने राज्य में अथक परिश्रम किया।
बेकार नहीं गई मोदी की मेहनत
हालांकि, 1998 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 320 में से 172 सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी को 119 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। उस वक्त पार्टी की हार जरूर हुई थी लेकिन नरेंद्र मोदी की मेहनत और रणनीति बेकार नहीं गयी। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी, मोदी के दिखाए रास्ते पर चलकर बीजेपी ने राज्य में खुद को मजबूत किया और 2003 के अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता पलट दी। आलम यह है कि मोदी की इसी मेहनत का नतीजा है कि 2003 के विधानसभा चुनाव में जो बीजेपी की ऐतिहासिक जीत का मैदान बना।