कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
विश्व की सबसे बड़ी अन्न योजना को आज केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई। जिसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर दी। एक करोड़ की लागत वाली विश्व की सबसे बडी अन्न भंडारण योजना देश के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।
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अनुराग ठाकुर के मुताबिक देश में अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी। हम लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू करेंगे। साथ ही अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे।
इस योजना से भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान में कमी के साथ आयात पर निर्भरता कम करना साथ ही गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है।
अनुराग ठाकुर के मुताबिक अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिए परिवहन लागत कम होगी। इससे खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है। निश्चित तौर पर मोदी सरकार का ये फैसला राहत देने वाला है।