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Uttarakhand: सर्वधर्म गोष्ठी में गूंजा एकता का संदेश, CM धामी बोले धर्म, जाति, भाषा से ऊपर है राष्ट्रधर्म

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Uttarakhand: भारत-पाक तनाव के बीच उत्तराखंड से शांति और एकता का संदेश

Uttarakhand News: भारत-पाक के बीच तनातनी को देखते देशभर में अलर्ट है। दोनों देशों के बीच विवाद को देखते हुए उत्तराखंड के राजभवन (Raj Bhawan) में सर्वधर्म गोष्ठी (All Religions Meeting) का आयोजन हुआ। इस आयोजन में उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami), राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) (Lt Gen Gurmeet Singh) और सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर देश की एकता और अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन राष्ट्र के प्रति हमारे साझा उत्तरदायित्व की अभिव्यक्ति है।

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इस कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि जब भी हमारे राष्ट्र को युद्ध जैसे हालातों का सामना करना पड़ा, ऐसे समय में समाज के सभी मत, पंथ, समुदायों और संप्रदायों के लोगों ने मिलकर राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और शांति का संदेश देने का काम किया है। सीएम ने कहा कि जब-जब देश पर संकट आया है, भारतवासियों ने धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर देशहित में एकजुट होकर संकट का सामना किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेदों में भी कहा है कि संगच्छ ध्वं संवदद ध्वं सं वो मनांसि जानताम्। अर्थात्, हम सभी साथ चलें, एक मन से विचार करें, और एक लक्ष्य की तरफ अग्रसर हों। धर्म का मूल उद्देश्य समाज में सत्य, प्रेम, करूणा और समरसता की स्थापना करना है।

मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने कहा कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की। द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अधर्म के खिलाफ अर्जुन को धर्म युद्ध के लिए प्रेरित किया। गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार का बलिदान दे दिया। ईसा मसीह ने प्रेम और क्षमा का संदेश दिया और पैगम्बर मोहम्मद साहब ने समरसता का मार्ग दिखाया। हमारे सभी धर्मों द्वारा सदैव यही शिक्षाएं दी गई कि जब अधर्म सिर उठाए, तो चुप रहना भी अधर्म को बढ़ावा देना ही होता है। हमारा राष्ट्र सदैव ही धर्म, सत्य और न्याय के पक्ष में खड़ा रहा है।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड (Uttarakhand) की वीर भूमि ने सदैव राष्ट्रभक्ति, बलिदान और त्याग का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारे वीर सैनिकों ने प्रत्येक संघर्ष में राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है आज हमें भी उनके साथ मजबूती से खड़ा होना है।

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इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि आज हम सब यहां धर्म, जाति और मत की सीमाओं से दूर एक साथ खड़े है और सीमाओं पर खड़ी हमारी सेना और भारत की आत्मा की तरह जीवंत दिख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक पूर्व सैनिक होने के नाते मैं जानता हूं कि एक सैनिक की सबसे बड़ी ताकत उसका परिवार, उसका देश और उसका मनोबल होता है और आज की यह हमारी गोष्ठी सैनिकों के मनोबल को सशक्त बनाने का काम करेगी।

राज्यपाल ने आगे कहा कि सभी धर्मों का मूल संदेश एक ही है। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म सर्वे भवंतु सुखिनः की शिक्षा देता है वहीं सिख धर्म एकम की भावना से सभी को देखता है। बुद्ध कहते हैं कि अपने दीपक खुद बनो, वहीं जैन धर्म का सिद्धांत है कि अहिंसा ही परम धर्म है। इस्लाम हमें सिखाता है कि विभाजन मत करो वहीं ईसाई धर्म में कहा गया है कि शांति फैलाने वाले ईश्वर की संतान होते हैं, इस प्रकार सभी शिक्षाओं में हमें एकता, करुणा और शांति का ही संदेश देता है।

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद पर कड़ा प्रहार

राज्यपाल ने कहा कि हमारी सेना ऑपरेशन सिंदूर के जरिए से आतंकवाद और आतंकवाद फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार कर रही है। उन्होंने बताया कि हमारी बेटियां कर्नल सोफिया कुरेशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के जरिए से ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी लगातार हम तक पहुंचा रही हैं और वे दोनों सशक्त भारत की सशक्त मातृशक्ति का प्रदर्शन भी कर रही हैं।

इस मौके पर परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि हम सब की पूजा पद्धति भले ही अलग हो परंतु हमारी भक्ति सिर्फ राष्ट्र भक्ति है। वहीं उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस दौरान कहा कि पूरी दुनिया में भारत से सुंदर मुल्क कोई नहीं है और हम सब भारत माता की संतान है।
इस दौरान बौद्ध धर्मावली सोनम चोग्याल, ब्रदर जोसेफ एम. जोसेफ और स.गुरबक्श सिंह राजन ने भी अपने विचार रखते हुए भारत की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता को बनाए रखने की कामना की। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी सहित विभिन्न पंथों के अनुयायी एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।