Sim Card: सिम बंद होने के नाम पर बुजुर्ग महिला के साथ हुई 56 लाख की ठगी, जानें पूरा मामला
Sim Card: आज के इस डिजिटल युग में हर हाथ तक स्मार्ट फोन पहुंच चुका है। किसी से बात करना हो, रास्ता जानना हो या फिर पेमेंट करना हो स्मार्टफोन (Smart fone) से ही लोग पूरा काम कर रहे हैं। एक तरफ जहां इस स्मार्टफोन के फायदें हैं तो वहीं दूसरी तरफ इसके अपने नुकसान भी हैं। डिजिटल दुनिया में चोरी का तरीका भी डिजिटल हो गया है। हर दिन नए नए तरीकों से साइबर ठग, ठगी की घटना को अंजाम देते रहते हैं। साइबर ठगी (Cyber Fraud) का ताजा मामला सामने आया है वैशाली से, जहां साइबर ठगों (Cyber Thugs) ने वैशाली में रहने वाली 55 वर्षीय अर्चना खरे को कॉल कर अगले दो घंटों में सिम बंद होने की बात कही। अर्चना ने जब सिम बंद (Sim Off) करने का कारण पूछा तो साइबर ठगों ने सिम से अलग-अलग बैंक खातों में हवाला धनराशि ट्रांसफर (Funds Transfer) होने और अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया।

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साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर (Delhi Police Inspector) बताया और अर्चना खरे को सलाह दी कि वह सिम का दुरुपयोग करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए। साथ ही सीबीआई अधिकारी (CBI Officer) को कॉल ट्रांसफर की गई।
इसके बाद खुद को सीबीआई अधिकारी (CBI Officer) बताने वाले ने अर्चना खरे पर आरोप लगाया कि उनके मोबाइल से 100 से ज्यादा बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं और ये पैसे हवाला के थे। महिला को बुरी परिस्थिति में होने का डर दिखाया। बताया कि उनके बैंक खातों की चेकिंग होगी। इसके लिए उनके बेटे को यूके से पकड़कर लाने की धमकी दी।
28 दिनों तक किया डिजिटल अरेस्ट
इन सब बातों से डरी सहमी अर्चना खरे को साइबर ठगों ने 28 दिनों तक सुबह साढे नौ बजे से शाम के छह बजे तक वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) करके रखा। इस मामले को निबटाने के बदले में ठगों ने रुपयों की मांग की। साइबर ठगों ने अर्चना खरे से 56 लाख छह हजार 377 रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराए। ठग अपना अपना नाम इंस्पेक्टर राकेश बताता था। उसने महिला को 4 बार पैसे ट्रांसफर कराने के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस (Connaught Place) बुलाया, जहां उसने पैसे ट्रांसफर करने के लिए खाता संख्या और बैंक का नाम भेजा। जब महिला पैसे ट्रांसफर करने जाती थी तो डराता था कि जांच अधिकारी आपके पीछे ही हैं।
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56 लाख छह हजार 377 रुपये की हुई ठगी
ठग ने 2 अप्रैल को 8 लाख 8 हजार 282 रुपये, 15 अप्रैल को 20 लाख 50 हजार रुपये व 24 लाख 88 हजार 89 रुपये, 28 अप्रैल को दो लाख 60 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। यानी कुल 56 लाख छह हजार 377 रुपये ट्रांसफर कराए।
जब महिला ने अपने परिवार में इसके बारे में बताया तो पता चला कि डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की गई है। साइबर थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

