Merging Scam है बहुत खतरनाक, जानिए बचने का तरीका
Merging Scam: आजकल लोगों से ठगी करने के लिए साइबर अपराधी तरह तरह के तरीके अपनाते रहते हैं। साइबर अपराधी के जाल में अब कब फंस जाएं और कब आपको बैंक अकाउंट (Bank Account) खाली हो जाएगा ये आपको पता भी नहीं चलेगा। अब सिर्फ एक कॉल से आपकी जिंदगी को साइबर अपराधी (Cyber Criminals) हाईजैक कर सकते हैं। डिजिटल युग में साइबर अपराधी ठगी करने के तरीके एडवांस होते जा रहे हैं। साइबर ठग (Cyber Fraud) ऐसे तरीके ला रहे हैं जिसके बारे में लोगों को अंदाजा भी नहीं होता है।
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अभी कुछ दिन पहले एक शख्स ने एक अनजान नंबर से आए कॉल को रिसीव किया। उसे दूसरी ओर से जानी-पहचान आवाज लगी। उसने कॉल को मर्ज करवा लिया। ऐसा करने की उसने कुछ वजह भी बताई। शख्स ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसने कॉल मर्ज कर दी। मात्र कुछ ही सेकेंड में एक ओटीपी आया और थोड़ी देर बाद ही उसका जी-मेल अकाउंट हैक हो गया। हैकर ने उसका मेल, पासवर्ड, फोटो, वीडियो और व्हाटसएप का भी पूरा एक्सेस ले लिया। ये नया स्कैम बहुत ही खतरनाक है। लोगों को इसके बारे में कम जानकारी है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
जानिए क्या है मर्जिंग स्कैम
मर्जिंग स्कैम (Merging Scam) के कई सारे मामले अब तक सामने आ चुके हैं। साइबर अपराधियों को लोगों को ठगने का नया तरीका खोज लिए हैं। इस स्कैम में ठग किसी परिचित व्यक्ति की आवाज में फोन करता है। फिर कॉल मर्ज करने को बोलता है। कॉल मर्ज होने पर अपराधी ओटीपी लेने का काम शुरू करते हैं।
ठग वॉइस ओटीपी (Voice OTP) इंटरसेप्ट करते हैं। ओटीपी मिलते ही पल भर में व्यक्ति के साथ ठगी हो जाती है। अपराधी पहले मेल का एक्सेस लेते हैं। उसके बाद संपर्क, लोकेशन और व्हाट्सएप को भी एक्सेस कर लेते हैं। कई बार तो अपराधी पीड़ित को ही उसके अकाउंट से बाहर निकाल देते हैं। इसके बाद अपराधी उस जानकारी से कई सगे-संबंधी और दोस्तों को ठगने लगते हैं।
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इस स्कैम से कैसे बचें?
इस प्रकार के स्कैम से बचने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई यूजर्स को चेतावनी जारी कर दी है। एनपीसीआई ने यूजर्स को अनजान कॉलर्स से सावधान रहने को बोला है। साथ में कॉल मर्ज के अनुरोध को न स्वीकार करने को कहा है। इससे बचने के कुछ उपाय हैं। उनको ध्यान में रखेंगे तो साइबर अपराधी ठग नहीं पाएंगे।
मर्जिंग कॉल से बचें
मर्जिंग कॉल अनजान नंबर से आ रहे कॉल को न करें। फोन पर चाहे जितनी भी जानी-पहचानी आवाज हो, आपको कॉल मर्ज नहीं करना है। अपराधी ठगने के लिए किसी भी तरीके को अपना सकते हैं। जब कोई कॉल मर्ज करने को कहे तो उसकी ये बात बिल्कुल न माने।
फेक कॉल से दूर रहें
स्कैमर्स ठगी करने के लिए किसी भी तरह परिचित की आवाज में बात करते हैं। वो इसके लिए एआई का प्रयोग करते हैं। कॉलर आईडी चेंज करते हैं। किसी भी तरह का शक हो तो फोन रखने के बाद जिसकी आवाज में बात कर रहा था। उसे अलग से फोन लगाएं।
न करें शेयर OTP
अपराधी ठगी तभी कर सकेगा जब आप ओटीपी देंगे। कोई सरकारी अधिकारी हो या बैंक कर्मचारी, किसी को भी ओटीपी शेयर नहीं करना है। इस ठगी में अपराधी ओटीपी को वॉइसमेल पर भेजते हैं। उसे सुनकर वो ठगी कर लेते है। अपने वॉइसमेल को ज्यादा सुरक्षित करें।
UPI लिमिट सेट करें
इस तरह की ठगी से बचने के लिए अपने मोबाइल में UPI और बैकिंग लिमिट लगा कर रखना चाहिए। इससे अगर ठग आपके अकाउंट या यूपीआई तक पहुंच भी जाते हैं तो बहुत ज्यादा नुकसान नहीं कर पाएगा।
स्कैम हो जाए तो क्या करें?
धोखाधड़ी की जानकारी होने पर सबसे पहले 1930 पर कॉल करें। साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर पर पूरे मामले की जानकारी दें। इसे जल्दी करें। इससे ठगे गए पैसों की रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है। आरबीआई (RBI) के नियम के मुताबिक धोखाधड़ी होने पर अपने बैंक को इस बारे में जानकारी दें। इससे लेन-देने को रोका जाए।
आईटी एक्ट के सेक्शन 66 के तहत, धोखधाड़ी करने वाले अपराधी को तीन साल की जेल की सजा होगी। इसके साथ ही पैसों की भरपाई भी अपराधी ही करेगा।

