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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में इन जगहों पर प्लॉट खरीदने वाले रो रहे हैं!

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Greater Noida में यहां प्लॉट लेने वाले बुरे फंसे

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में प्लॉट लेने वालों के लिए बड़ी और जरूरी खबर है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में बुलडोजर एक्शन जारी है। प्रशासन जिले से अवैध कब्जा को खाली कराने के लिए लगातार बुलडोजर (Bulldozer) चलवा रहा है। इसी क्रम में नोएडा जिला प्रशासन (Noida District Administration) ने ग्रेटर नोएडा के सदर तहसील में 200 करोड़ से ज्यादा कीमत की 631 एकड़ सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करवाया है। यह कार्रवाई जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच हुई है। इन जमीन पर कॉलोनाइजरों ने कब्जा कर अवैध फार्म हाउस (Farm House) और कॉलोनी तैयार कर दिए थे। इसके साथ ही कई गांव में तालाबों की जमीन पर कब्जा कर वहां पक्के घर का निर्माण कर लिया गया था। प्रशासन ने इनसब पर एक्शन लेकर अब कब्जा मुक्त करा लिया है।
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सदर एडीएम चारुल यादव और तहसीलदार अजय कुमार के मुताबिक कॉलोनाइजरों ने मोतीपुर, घरबरा, लखनावली और सिकंदरपुर (Sikandarpur) समेत कई गांवों में डूब क्षेत्र और ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर फार्म हाउस तैयार कर रहे थे। इसके साथ ही कुलेशरा, शहदरा, जगनपुर समेत दूसरे गांवों में सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉटिंग कर रहे थे। प्रशासन को इस बारे में जानकारी मिलने पर योजनाबद्ध तरीके से यहां पुलिस के साथ पहुंचकर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई।

उन्होंने आगे बताया कि इन सभी गांवों से तहसील प्रशासन ने एक हजार वर्गमीटर से ज्यादा जमीन पर बन रहे फार्म हाउस और अवैध कॉलोनी को हटाया। इसके साथ ही लुक्सर, दनकौर, थोरा, प्यावली समेत दूसरे गांवों में तालाब की 9.61 वर्गमीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराया। सालभर में प्रशासन ने तहसील क्षेत्र में 631 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण को गिराया है। उक्त जमीन की कीमत 200 करोड़ रुपए से अधिक है। प्रशासन के मुताबिक अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभी भी निरंतर कार्रवाई जारी है।

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यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित सालिटिरियन सिटी के घर खरीदारों ने निर्माणाधीन साइट पर रविवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले लोगों का आरोप है कि 10 साल बीतने के बाद भी अभी तक बिल्डर प्रबंधन द्वारा उन्हें घरों पर कब्जा नहीं दिया है। फ्लैट बायर्स का कहना है कि साल 2014 में उन्होंने बिल्डर की परियोजना में निवेश किया था। प्रोजेक्ट को 2018 में पूरा कर कर खरीदारों को हैंडोवर देना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अभी तक प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया है। जिसके कारण खरीदारों को कब्जा नहीं मिल पा रहा है।