Uttarakhand में रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के सिद्धांत से हो रहा है कचरा प्रबंधन
Uttarakhand News: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) प्रदेश को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसी के तहत ऋषिकेश (Rishikesh) नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने एक नायाब उदाहरण पेश किया है। प्लास्टिक कूड़े (plastic ऊrash) को ना सिर्फ सफलतापूर्वक एकत्रित किया जा रहा है बल्कि इसे रिसाइकिल कर फिर कई तरह से प्रयोग भी किया जा रहा है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिया यह निर्देश
सोमवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास हो रहे हैं। कुछ जगह क्यूआर कोड के माध्यम से भी प्लास्टिक की वापसी हो रही है। राज्य सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों का पुरस्कृत भी करने का काम कर रही है। सीएम धामी ने आगे कहा कि प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन, हमारे शहरी जीवन के सामने एक चुनौती बनकर उभर रहा है। तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग- कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने की वजह से ऋषिकेश में सालभर में श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है। इस वजह से यहां प्लास्टिक कूड़ा का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण काम है।
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पुरानी प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया प्लास्टिक बैंक
आपको बता दें कि नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की पहल पर ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, वीरभद्र और त्रिवेणी घाट में प्लास्टिक बैंक (Plastic Bank) की स्थापना की। प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही प्रयोग किया गया, जिसमें लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक लगभग 400 किलो तक प्लास्टिक रिसाइकिल किया जा चुका है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैम्प, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने की तैयारी में है।
वेस्ट टू वंडर पार्क भी हुआ तैयार
ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से वेस्ट टू वंडर का भी निर्माण किया गया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल- स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले ओर सजावटी सामान बनाए गए हैं। इसके साथ ही नगर निगम रीसाइकिल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी बना रहा है।
महिला समूहों को जोड़ा अभियान से
ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, के बाद भी पहले यूजर चार्ज, मात्र 3 लाख महीने तक ही जमा हो पाता था, लेकिन अब नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का काम, महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को सौंप दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह लगभग 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है।