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Haryana सरकार ने नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति -2022 में संशोधन को दी मंजूरी दी

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नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता की स्वीकृति हेतु

एकीकृत आवासीय कॉलोनी के लाइसेंस के लिए अति और उच्च क्षमता वाले शहरों के लिए न्यूनतम 10 एकड़ और मध्यम और कम क्षमता वाले क्षेत्रों के लिए 5 एकड़ जमीन होना है जरूरी

Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी)-2022 के खंड 2.1 और 2.2 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत सामान्य आवासीय प्लॉटेड लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के समान आवासीय प्लॉटेड घटक के तहत क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) की अनुमति दी गई है।
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एनआईएलपी कॉलोनियों और सामान्य आवासीय प्लॉटेड कॉलोनियों के बीच समानता लाने के उद्देश्य से किए गए संशोधनों के तहत अब क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) के माध्यम से अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) के आवंटन की अनुमति दी जाएगी। नए प्रावधानों के तहत पहले दिए गए अतिरिक्त 0.25 एफएआर को हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 के अनुसार आवासीय प्लॉट पर आगे क्रय योग्य एफएआर द्वारा पूरक किया जाएगा।

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संशोधन के अनुसार कॉलोनाइजर को एफएआर के मापदंडों के भीतर समूह आवास, भूखंड, पंक्ति आवास आदि जैसे उपयोगों के लिए आवासीय घटक आवंटित करने की स्वतंत्रता होगी। संशोधन यह सुनिश्चित करते हैं कि एनआईएलपी कॉलोनियों में डेवलपर्स अब अन्य आवासीय प्लॉटेड कॉलोनियों के समान लाभ उठा सकते हैं, जिससे संतुलित शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।