Zomato: अगर आप ज़ोमैटो से अक्सर ऑर्डर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है।
Zomato: अगर आप ज़ोमैटो से अक्सर ऑर्डर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने त्योहारी सीजन से ठीक पहले ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि कंपनी ने 2 सितंबर 2025 को अपनी प्लेटफॉर्म फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। अब ग्राहकों (Customers) को हर ऑर्डर पर पहले के 10 रुपये की जगह 12 रुपये प्लेटफॉर्म फीस देनी होगी। यह फैसला त्योहारी सीजन की बढ़ी मांग को ध्यान में रखकर लिया गया है।

ग्राहकों की जेब पर बढ़ेगा बोझ
आपको बता दें कि प्लेटफॉर्म फीस में 2 रुपये की इस बढ़ोतरी का असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो नियमित रूप से जोमैटो से ऑर्डर करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई ग्राहक महीने में 20 ऑर्डर करता है, तो पहले उसका प्लेटफॉर्म फीस खर्च 200 रुपये था, जो अब बढ़कर 240 रुपये हो जाएगा। बार-बार ऑर्डर करने वाले ग्राहकों के लिए यह अतिरिक्त खर्च समय के साथ काफी बढ़ सकता है।
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दो साल में 6 गुना बढ़ी फीस
जोमैटो की प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत 2023 में हुई थी, जब कंपनी ने प्रति ऑर्डर 2 रुपये की फीस लागू की थी। इसका उद्देश्य मार्जिन बढ़ाकर मुनाफे में सुधार करना था। इसके बाद फीस में लगातार बढ़ोतरी होती रही। 2023 में ही इसे 3 रुपये, फिर जनवरी 2024 में 4 रुपये कर दिया गया। दिसंबर 2023 में त्योहारी और सालांत मांग को देखते हुए फीस को अस्थायी रूप से 9 रुपये किया गया। बाद में इसे स्थायी रूप से 10 रुपये कर दिया गया। अब, 2 सितंबर 2025 को फीस बढ़ाकर 12 रुपये कर दी गई है। इस तरह, दो साल में प्लेटफॉर्म फीस 2 रुपये से 6 गुना बढ़कर 12 रुपये हो गई है।
प्लेटफॉर्म फीस की अब तक की यात्रा
एटरनल के सीईओ दीपेन्द्र गोयल (CEO Dipendra Goyal) ने पहले कहा था कि प्लेटफॉर्म फीस का उद्देश्य कंपनी के मार्जिन को बेहतर करना है। कंपनी का कहना है कि बढ़ती परिचालन लागत और त्योहारी सीजन में डिलीवरी की बढ़ती मांग के कारण यह कदम उठाना जरूरी हो गया। लेकिन, यह बढ़ोतरी ग्राहकों के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं।
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क्या होगा भविष्य में?
प्लेटफॉर्म फीस में बार-बार होने वाली बढ़ोतरी से ग्राहकों में असंतोष बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी को ग्राहकों की सुविधा और लागत के बीच संतुलन बनाना होगा जिससे ग्राहक आधार पर असर न पड़े। फिलहाल, त्योहारी सीजन में बढ़ी फीस के साथ ग्राहकों को अपने बजट में इस अतिरिक्त खर्च को समायोजित करना होगा।

