Yog Guru: योग और शिवभक्ति के प्रतीक थे बाबा शिवानंद
Yog Guru: योग साधना के प्रतीक और पद्मश्री से सम्मानित 128 साल की उम्र में बाबा शिवानंद (Baba Shivanand) का शनिवार रात 8:45 बजे अंतिम सांस ली। बता दें कि पिछले 3 दिनों से सांस लेने में तकलीफ के कारण वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के अस्पताल में भर्ती थे। बाबा शिवानंद ने अपना संपूर्ण जीवन योग और ब्रह्मचर्य को समर्पित किया, और उनकी सादगी व आध्यात्मिक जीवनशैली ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। देश के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी बाबा शिवानंद की योग साधना के मुरीद थे। बाबा शिवानंद वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र में दुर्गाकुंड के कबीर नगर स्थित अपने आश्रम में रहते थे। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट (Harishchandra Ghat) पर किया जाएगा। पढ़िए पूरी खबर…
4 साल की उम्र में छोड़ा घर
बाबा शिवानंद (Baba Shivanand) का जन्म 8 अगस्त 1896 को अविभाजित बंगाल के श्रीहट्ट जिले के ग्राम हरिपुर (थाना क्षेत्र बाहुबल) में एक गोस्वामी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता भीख मांग कर अपनी आजीविका चलाते थे। 4 साल की उम्र में अपने परिवार से अलग हो गए थे। बाबा शिवानंद ने छह साल की उम्र से ही योग को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया था। शिवानंद छह साल के थे, तभी उनके माता-पिता और बहन की भूख के चलते निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने गुरु के सानिध्य में आध्यात्म की दीक्षा लेनी शुरू की थी।

PM मोदी ने झुक कर किया था प्रणाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 21 मार्च 2022 को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शिवानंद बाबा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इस दौरान सफेद धोती-कुर्ता पहने 125 साल के शिवानंद बाबा (Baba Shivanand) आए और उन्होंने पीएम मोदी को प्रणाम किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने भी अपनी कुर्सी से खड़े होकर शिवानंद बाबा को हाथ जोड़कर झुककर प्रणाम किया। इसके बाद शिवानंद बाबा ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगे झुककर नमस्कार किया। जिसके बाद राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें अपने हाथों से उठाया। उसके बाद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।
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पूरे विश्व में योग गुरु के नाम से मशहूर

काशी के दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर कॉलोनी में एक छोटे से फ्लैट में शिवानंद बाबा रहते थे। वह कुछ शिष्यों के साथ रहते थे। लगभग 128 साल के शिवानंद बाबा पूरे विश्व में अपने योग के लिए जाने जाते थे। शिवानंद बाबा काशी के घाटों पर योग सिखाते थे। इस उम्र में भी वह लगातार योग अभ्यास करते थे। साथ ही अपने बेहतर स्वास्थ्य का कारण वह संयमित दिनचर्या, योग-प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन बताते थे।
उबला हुआ खाते थे खाना
बाबा लजीज व्यंजन समेत तमाम सुख-सुविधाओं से दूर रहते हुए जीवन को जीना पसंद करते थे। शिवानंद बाबा (Baba Shivanand) के शिष्य का कहना है कि वो फल या दूध तक नहीं खाते थे। शिवानंद बाबा केवल उबला हुआ भोजन करते, जिसमें नमक की मात्रा काफी कम रहती। रात के भोजन में जौ से बना दलिया, आलू का चोखा और उबली सब्जी खाकर 9 बजे तक सो जाते।
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लकड़ी का तकिया और चटाई पर सोते थे बाबा शिवानंद
शिवानंद बाबा (Baba Shivanand) रोजाना 30 सीढ़ियां दो-बार उतरते चढ़ते थे। वो एक पुरानी बिल्डिंग के छोटे से फ्लैट में शिष्यों के साथ रहते थे। वहीं रात को बालकनी में चटाई बिछाकर सोते थे। बाबा के शिष्यों के मुताबिक जहां हम सब गर्मी से परेशान हो जाते, वहां बाबा प्रचंड गर्मी में भी बिना एसी के सोते थे, साथ ही ठंड में ब्लोअर का इस्तेमाल भी नहीं करते थे। वहीं सोने के लिए लकड़ी की स्लैब से तकिया बनाते थे। उन्होंने विवाह भी नहीं किया था।

