AajTak Ayodhya News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और केन्द्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में जीत दर्ज करने की तैयारी कर रही है। वहीं विपक्षी गठबंधन, अपने प्रदर्शन में और सुधार लाकर सत्ता तक पहुँचना चाहता है।
भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद न सिर्फ जिले की फैजाबाद संसदीय सीट पर सियासी हवा बदल गई है बल्कि पूरे देशभर में एक अलग ही माहौल बना हुआ है। फैजाबाद सीट पर 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लल्लू सिंह (Lallu Singh) को जीत मिली थी। पिछले 10 साल से बीजेपी का यहां पर दबदबा बना हुआ है।
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क्या इस बार भी बीजेपी (BJP) की यहां से हैट्रिक लगा पाती है या विपक्षी गठबंधन चुनाव जीतने में सफल हो पाता है। इसे जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ पहुंची भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में। इस बार अयोध्या लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) से बीजेपी ने लल्लू सिंह सपा ने अवधेश प्रसाद और बसपा ने सच्चिदानंद पांडे को मैदान में उतारा है।
अयोध्या (Ayodhya) में जब आजतक की टीम पहुंची तो आजतक का मंच तैयार था और उस पर जनता के सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद थे नेता।
सवालों का सिलसिला शुरू और पहला सवाल बीजेपी के प्रवक्ता से हुआ तो जवाब आया कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या को अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) बनाने का काम बीजेपी सरकार ने किया है। वर्ना यह तो फैजाबाद हुआ करती थी। अयोध्या का विकास हमारे वादे का प्रतीक है। हमने कहा था राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे और आज इसको हमने साकार करके दिखाया है। आज देश में राम राज्य है। अगर बीजेपी की सरकार न होती तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला इतनी जल्दी न आता।
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दूसरा सवाल कांग्रेस नेता से हुआ तो जवाब आया कि बीजेपी वालों ने साफ बता दिया कि सुप्रीम कोर्ट पर दबाव डाला। मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बना। हम सब लोग मंदिर को लेकर एकमत हैं। लेकिन आज सवाल बड़ा है कि क्या भगवान राम के बंदे को रोजगार नहीं मिलना चाहिए, भगवान राम के बंदे को अगर बीजेपी रोजगार देदे तो हमें बहुत खुशी होगी। महिलाओं को अगर मुक्ती दे दें तो हमें अच्छा लगेगा। पेपर लीक से मुक्ती दे दें तो बहुत अच्छा रहेगा। जब हम मुद्दे की बात करते हैं तो प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि राम से क्यों दूरी बनाए हुए हैं, हम राम से दूरी नहीं बनाए हैं। कांग्रेस के लोग आपके राजनीतिक कारणों से दूरी बनाए हैं।
तीसरा सवाल बसपा नेता से हुआ तो उन्होंने जवाब दिया कि उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर बहन जी अकेले मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही हैं। विपक्षियों के दांत खट्टे कर दी हैं। बसपा बीजेपी से बहुत मजबूती से लड़ाई लड़ रही है।
सवाल जब RLD के प्रवक्ता से हुआ तो उन्होंने जवाब दिया कि अयोध्या का विकास बताता है कि विपक्षी गठबंधन का सफाया होने जा रहा है। हर कोई बदलना चाह रहा है। 2019 में जो कपड़ों पर जनेउ पहनकर घूम रहे थे वो प्रभु राम के दर्शन करने नहीं आ पाए हैं। 500 सालों का संघर्ष पूरा हुआ है। राजनीति के चक्कर में प्रभु राम का विरोध कर रहे हैं।
सपा प्रवक्ता ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ये कौन कह रहा है कि सपा के लोगों ने अयोध्या से दूरी बना रखी है। बीजेपी के लोग गलत प्रचार कर रहे हैं। भगवान राम को राजनीति में ला रहे हैं। भगवान तो आस्था के प्रतीक है। भगवान को राजनीति में न लाओ। बीजेपी वाले जिस तरह से राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं अयोध्या के लोग ही बीजेपी को हराने का काम करेंगे। बीजेपी की यहां से जमानत जब्त होने जा रही है। तभी प्रधानमंत्री को फिर से राम के दरबार में हाजिरी लगाने की जरूरत पड़ गई। प्रधानमंत्री बनारस से भी हार रहे हैं चुनाव।
जानिए अयोध्या का सियासी समीकरण
उत्तर प्रदेश की अयोध्या लोकसभा सीट पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की निगाह टिकी हुई है। अयोध्या में राममंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के चलते फैजाबाद लोकसभा सीट राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मौजूदा समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी के लिए इस सीट पर वापसी करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
2019 का परिणाम
लोकसभा चुनाव 2019 में फैजाबाद लोकसभा सीट से 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इस चुनाव में बीजेपी ने तत्कालीन सांसद लल्लू सिंह को दोबारा टिकट दिया था। सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से सपा के आनंद सेन थे और कांग्रेस के तरफ से निर्मल खत्री चुनावी दंगल में थे। इस चुनाव में भाजपा के लल्लू सिंह ने अपनी जीत कायम रखते हुए सपा के आनंद सेन यादव को हराया था।
2014 का परिणाम
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी लल्लू सिंह ने जीत हासिल कर संसद में पहुंचने में कामयाब रहे। लल्लू सिंह ने सपा के मित्रसेन यादव को 2 लाख 82 हजार 775 वोटों से मात थी।