AajTak Basti News: उत्तर प्रदेश का बस्ती (Basti) जिला अपनी ऐतिहासिकता और पौराणिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। बस्ती के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण से साथ ऋषि वशिष्ठ के साथ कुछ समय यहां पर रहे थे। ऋषि वशिष्ठ का आश्रम यहीं पर था। बाद में इस जगह का नाम बस्ती पड़ गया। इस जिले की अपनी ऐतिहासिक पहचान है।
बस्ती लोकसभा सीट (Basti Lok Sabha Seat) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 80 संसदीय सीटों में से एक है। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बस्ती सीट पर जीत मिली थी। हरीश द्विवेदी यहां से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में सफल हुए थे।
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इस बार बस्ती की जनता का मूड क्या है इसे जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ पहुंची बस्ती। इस बार बस्ती से बीजेपी (BJP) ने हरीश द्विवेदी (Harish Dwivedi) को तो सपा ने राम प्रसाद चौधरी और बसपा ने दयाशंकर की जगह लवकुश पटेल को मैदान में उतारा है।
आजतक की टीम जब बस्ती पहुंती तो टीम का गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत हुआ फिर अंजना ओम कश्यप ने शुरू किया सवालों का सिलसिला।
पहला सवाल हुआ तो जवाब आया कि बस्ती में आज भी शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार बड़ा मुद्दा बना हुआ है। सरकारें बदलीं लेकिन बस्ती की समस्या न बदल पाई। आज भी बस्ती के लोगों को शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। बीमारी का इलाज कराने के लिए बाहर जाना पड़ता है और रोजगार के लिए युवक पलायन करने को मजबूर हैं।
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एक छात्र ने कहा कि हम नौजवानों का हक दबाया जा रहा है। छात्र संघ को बंद कर दिया गया है। क्या छात्र संघ का चुनाव लड़ना हम नौजवानों का हक नहीं है।
तो वहीं एक व्यक्ति ने कहा कि बस्ती में 10 साल से बीजेपी के सांसद हैं, केन्द्र में बीजेपी की सरकार है। राज्य में भी बीजेपी सत्ता है। लेकिन इसके बाद भी बस्ती में न तो स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हुई है न ही विकास हुआ है।
इस कार्यक्रम में आए कॉंट्रैक्ट टीचर ने कहा कि हम लोग पिछले 30 सालों से सेवा में थे लेकिन अब हमें बाहर निकाला जा रहा है, 30 साल की सेवा देने के बाद अब हम लोग कहां जाएंगे, क्या करेंगे। सरकार को हम लोगों और हमारे परिवार के लोगों के बारे में जरूर सोचना चाहिए।
एक दूसरे युवक ने कहा कि 4 मई का दिन होगा जीत का निशान कमल का फूल होगा। युवक ने आगे कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी बस्ती में तो जीतने ही जा रही है साथ ही 400 से ज्यादा सीटें देशभर में जीतकर सरकार बनाने जा रही है।
एक व्यक्ति ने कहा कि बस्ती की जनता विकास चाहती है और नरेन्द्र मोदी ने दस सालो में इतना विकास किया है कि दूसरी सरकारों ने कभी नहीं किया। इस लिए एक बार फिर से बीजेपी चुनाव जीतने जा रही है।
एक महिला ने कहा कि भारत के लिए मोदी बहुत बेस्ट हैं मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिलना गर्व की बात है। सबसे बेस्ट पीएम मोदी जी है।
जानिए बस्ती को
हिंदी के प्रकांड विद्वान, निबंधकार, अनुवादक, कथाकार, आलोचक और कवि आचार्य रामचंद्र शुक्ल का भी जन्म बस्ती में ही हुआ था। बस्ती ने कई महान हस्तियों से समाज को नवाजा है। प्राचीन काल में बस्ती को वैशिश्थी के नाम से जाना जाता था। वैशिश्ठी नाम वसिष्ठ ऋषि के नाम से बना है, जिनका ऋषि आश्रम यहीं पर था। बस्ती का वर्तमान नाम 16वीं सदी में राजा कल्हण ने रखा था।
2019 का परिणाम
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में उत्तर प्रदेश की बस्ती लोकसभा सीट से 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। बीजेपी ने तत्कालीन सांसद हरीश चंद्र उर्फ हरीश द्विवेदी पर फिर दांव लगाया था। तो वहीं इस सीट पर बसपा के राम प्रसाद चौधरी चुनावी मैदान में थे, और कांग्रेस ने राज किशोर सिंह को टिकट दिया था। इस चुनाव में बस्ती लोकसभा सीट से बीजेपी को जीत मिली थी।
2014 का परिणाम
लोकसभा चुनाव 2014 (Lok Sabha Elections 2014) में बस्ती से कुल 13 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसमें बाजी बीजेपी के हरीश चंद्र उर्फ हरीश द्विवेदी के हाथ लगी थी। उन्होंने चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के उम्मीदवार बृजकिशोर सिंह डिंपल को 33,562 मतों के अंतर से हराया था।