Whatsaap Vs RCS

WhatsApp Vs RCS: भारतीय विज्ञापनदाता व्हाट्सऐप बिज़नेस से आरसीएस मैसेजिंग की ओर

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WhatsApp Vs RCS: पिछले कुछ वर्षों में व्हाट्सऐप बिज़नेस मैसेजिंग भारतीय ब्रांडों के लिए ग्राहकों तक पहुँचने का सबसे लोकप्रिय माध्यम रहा है। बैंकिंग, ई–कॉमर्स और फूड डिलीवरी जैसी कंपनियाँ अलर्ट, अपडेट और ऑफ़र भेजने के लिए इसी प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर थीं। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। विज्ञापनदाता तेजी से आरसीएस (रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज़) की ओर रुख कर रहे हैं।

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क्यों हो रहा है यह बदलाव?

बढ़ती लागत
व्हाट्सऐप का “प्रति बातचीत शुल्क” मॉडल बड़े पैमाने पर संदेश भेजने वाली कंपनियों के लिए महँगा साबित हो रहा है। वहीं आरसीएस टेलीकॉम ऑपरेटरों और गूगल के सहयोग से अपेक्षाकृत सस्ता और बड़े पैमाने पर अधिक उपयोगी साबित हो रहा है।

प्रमोशनल संदेशों पर पाबंदी
व्हाट्सऐप पर प्रचारात्मक संदेश भेजने के लिए कड़े नियम और टेम्पलेट की मंज़ूरी ज़रूरी है। कई बार देरी और अस्वीकृति से कंपनियों को परेशानी होती है। आरसीएस में ऐसी सख़्ती नहीं है, जिससे ब्रांड आसानी से त्योहारी ऑफ़र, कैटलॉग और व्यक्तिगत प्रचार कर सकते हैं।

बेहतर अनुभव
आरसीएस उपभोक्ताओं को सीधे मोबाइल के एसएमएस इनबॉक्स में ऐप जैसा अनुभव देता है। इसमें हाई–रेज़ॉल्यूशन कैरोसेल, वीडियो, इमेज, क्विक–रिप्लाई और वन–क्लिक पेमेंट जैसी सुविधाएँ हैं। यह उन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी है जिनके फ़ोन में स्टोरेज या इंटरनेट की समस्या रहती है।

ऐप डाउनलोड की ज़रूरत नहीं
व्हाट्सऐप के विपरीत आरसीएस एंड्रॉइड के डिफ़ॉल्ट मैसेजिंग ऐप (Google Messages) में ही मौजूद है। भारत में जहाँ 95% से अधिक स्मार्टफ़ोन एंड्रॉइड पर चलते हैं, वहाँ ब्रांडों को विशाल पहुँच स्वतः मिल जाती है।

भरोसा और सुरक्षा
व्हाट्सऐप पर बढ़ते स्पैम और धोखाधड़ी से उपभोक्ता सतर्क हो रहे हैं। आरसीएस में वेरिफ़ाइड सेंडर आईडी और ब्रांडेड हेडर की सुविधा है, जिससे ग्राहक आसानी से असली संदेश पहचान सकते हैं। बैंकिंग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में यह विशेष रूप से अहम है।

एआई और एनालिटिक्स का सहयोग
आरसीएस दो–तरफ़ा बातचीत की सुविधा देता है। ग्राहक उत्पाद देख सकते हैं, प्रश्न पूछ सकते हैं और खरीदारी भी कर सकते हैं। साथ ही, ब्रांडों को विस्तृत आँकड़े और रिपोर्टिंग भी मिलती है।

दूरसंचार कंपनियों का सहयोग
जियो, एयरटेल और वोडाफ़ोन–आइडिया जैसे भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर गूगल के साथ मिलकर आरसीएस को बढ़ावा दे रहे हैं। बैंकिंग, रिटेल और ट्रैवल क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुके हैं।

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    आगे का रास्ता

    व्हाट्सऐप ग्राहक सेवा और लेनदेन संबंधी अलर्ट्स में उपयोगी रहेगा, लेकिन मार्केटिंग और ब्रांड प्रमोशन के लिए आरसीएस अधिक सस्ता, लचीला और प्रभावी विकल्प बनता जा रहा है। भारत में जैसे–जैसे उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा और टेलीकॉम कंपनियाँ इसे व्यापक बनाएँगी, देश दुनिया का सबसे बड़ा आरसीएस बाज़ार बन सकता है।

    निष्कर्ष: भारतीय विज्ञापनदाता व्हाट्सऐप से दूर नहीं हो रहे, बल्कि आरसीएस को अपना रहे हैं क्योंकि यह पैमाना, किफ़ायत, सुरक्षा और बेहतर अनुभव—सब कुछ एक ही जगह उपलब्ध कराता है।