भारत के ज्यादातर शहरों में बड़ी- बड़ी हाईराइज़ बिल्डिंगें बन रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए स्पेस बनाई जा सके। भारत में इसलिए रियल एस्टेट डेवलपर्स अपार्टमेंट पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसका बस एक ही मकसद है कि हर आय वर्ग के घर खरीदारों तक बड़ी पहुंच बनाना है। ऐसे में यदि आप भी हाई राइज रिहायशी बिल्डिंग में घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आज आपकी मुश्किल को हम आसान कर देते हैं। किसी भी अपार्टमेंट में फ्लैट ख़रीदने से पहले हर एक चीज को देखें और फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि आपके लिए कौन सा फ्लैट बेस्ट साबित होगा।
आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर बताने जा रहे हैं, जो आपको सही फ्लोर पर घर की खरीददारी करने में आ रही मुश्किलों को सुलझाने में कारगर साबित होंगें।
यदि अपार्टमेंट/ बिल्डिंग के आउटसाइड की लोकेशन अच्छी है तो आपको उपर का फ्लोर लेना ही बेस्ट होगा। अगर घर को किराए में उठाना है तो नीचे के फ्लोर को डिमांड ज्यादा रहती है। क्योंकि समान को उतारने चढ़ाने में दिक्कतें आयेंगी इसलिए जिन्हें रेंट में रहना होता है वो नीचे के फ्लोर पसंद करते हैं।
अगर आपके क्षेत्र में बहुत ज्यादा खराब पॉल्यूशन है तो नीचे के फ्लोर बेस्ट साबित होते हैं। आप जितने भी उपर के फ्लोर में रहते हैं ऊर्जा की खपत उतनी ही ज्यादा होती है। इसके अलावा पानी के पहुंचने में भी समय लगता है। अगर ग्रैंड पेरेंट्स भी साथ रहते हैं तो उनके लिए भी ग्राउंड फ्लोर बेस्ट साबित होगा।