उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश जोरों पर जारी है। निर्माणाधीन सुरंग (Uttarkashi Tunnel) में 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पिछले 110 घंटों से ज्यादा से लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सफलता अभी तक हाथ नहीं लग पाई है। घटनास्थल के बाहर बाकी के मजदूर साथियों और परिजन के सब्र का बांध अब जवाब देने लगा है। देहरादून (Dehradun) से दिल्ली (Delhi) तक अधिकारियों की हाई लेवल बैठकों को दौर भी चल रहा है। देशवासियों की जुबान पर प्रार्थना हैं। लेकिन वे 40 मजदूर जो अंदर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं, उन्होंने धैर्य बनाए रखा है। हालांकि मजदूरों को सिरदर्द और उल्टी की शिकायतें होने से दिक्कत हो रही है।
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सुरंग के बाहर युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों ने वहां पर तैनात डॉक्टर्स को भी स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंदर फंसे लोगों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखा जाए। उत्तरकाशी के सीएमओ आरसीएस पंवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अंदर फंसे कुछ लोगों ने सिरदर्द और मिचली आने की समस्या बताई है। उनकी मदद के लिए ग्लूकोज़, मल्टिविटामिन, ड्राई फ्रूट्स, जरूरी दवाओं को छह इंच के पाइप के जरिए पहुंचाया जा रहा है।
लटके हुए चेहरे, आंखों में उदासी… उत्तरकाशी में सुरंग के अंदर बिगड़ रही तबीयत, बाहर भी अटकी हैं सांसें
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (Yamunotri National Highway) पर सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन होने के कारण 40 लोग घटना स्थल के अंदर फंस गए। दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लाई गई। इस मशील के आने के बाद श्रमिकों के रेस्क्यू का मिशन तेज होने की उम्मीद की जा रही है। श्रमिकों को निकालने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।
बचाव कार्य में केंद्रीय एजेंसियां भी लगी हुई हैं। एजेंसियों को राज्य सरकार के सभी विभागों से सभी प्रकार का सहयोग भी दिया जा रहा है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा भी लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया जा रहा है। नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए 24 घंटे काम कर रही है।
भोजन और दवाओं की कर रहे पूर्ति
ये मजदूर सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को भोजन और दवाएं भेजा जा रहा है। रेस्क्यू दल श्रमिकों के साथ नियमित बातचीत कर रहा है, ताकि मजदूरों में जिंदा रहने की आशा बनी रहे। दूसरी ओर मजदूरों को निकालने के लिए पास बनाने का प्रयास भी जारी है। इसके लिए वायुसेना के तीन परिवहन विमानों से एक के जरिए भारी ड्रिलिंग मशीन को दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया।
पांच दिनों से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
दरअसल, ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का काम चल रहा है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है। लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली। उधर, कुछ मजदूरों ने सुरंग के पास विरोध प्रदर्शन भी किया और रेस्क्यू के धीरे होने का आरोप लगाया है।