Kainchi Dham: उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने नैनीताल जिले की तहसील कोश्याकुटोली का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बाबा नीब करौली महाराज (Baba Neeb Karauli Maharaj) के भक्तों और क्षेत्रीयी लोगों ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का आभार व्यक्त किया है।
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सीएम धामी ने पिछले साल कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस (15 जून) समारोह के मौके पर कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर कैंची धाम (Kainchi Dham) करने की घोषणा की थी। उत्तराखंड सरकार की तरफ से भेजे गए तहसील का नाम बदलने के इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है।
नाम बदलने से नीम करोरी बाबा के भक्तों में खुशी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार कैंची धाम में आने वाले भक्तों के लिए जरूरी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि कैंची धाम एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। इसे नीम करौली बाबा के आश्रम के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है। कैंची धाम के नीम करौली बाबा के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां बड़ी संख्या में भक्तों के साथ पर्यटक भी आते हैं।
जोशीमठ का भी बदल गया नाम
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ (Joshimath) का नाम भी बदला है। अब जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय लोगों की लंबे समय से की जा रही मांग के बाद बीते साल यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा था।
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जोशीमठ भी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य 8वीं सदी में जोशीमठ आए। इसके बाद उन्होंने यहां अमर कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त की। बता दें कि जोशीमठ, जो अब ज्योर्तिमठ कहलाएगा वह उत्तराखंड के बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जैसी प्रसिद्ध तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार भी है।