Delhi News: राजधानी दिल्ली से नोएडा-गाजियाबाद (Noida-Ghaziabad) का सफर अब आसान हो गया है। आपको बता दें कि अप्सरा बार्डर से आनंद विहार (Anand Vihar) सिग्नल फ्री परियोजना अगले महीने से आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगी। परियोजना का काम करीब करीब पूरा कर लिया गया है। इसके शुरू हो जाने से उत्तरी और पूर्वी दिल्ली (East Delhi) से आनंद विहार रेलवे स्टेशन (Anand Vihar Railway Station) और आनंद विहार बस अड्डा पहुंचना भी बेहद आसान हो जाएगा। लोगों की ट्रेन छूटने से बच सकेगी। अप्सरा बार्डर (Apsara Border) से आनंद विहार के बीच तीन लालबत्ती पड़ती थीं, जिन पर जाम लग जाता था। अब यहां डेढ़ किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर तैयार हो गया है।
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2024 के मार्च में शुरू होनी थी परियोजना
आपको बता दें कि इस परियोजना का शिलान्यास 11 अक्टूबर 2022 को हुआ था, उस समय इसे 15 माह में तैयार कर देने की बात कही गई थी, जिसके तहत यह परियोजना मार्च 2024 में तैयार हो जानी थी। शुरुआती दिनों में इस परियोजना पर तेजी से काम हुआ, लेकिन परियोजना के बीच आए पेड़ों को हटाने के लिए अनुमति मिलने में हुई देरी आदि अड़चनों से काम की गति धीमी होती चली गई। आनंद विहार रेलवे ओवर ब्रिज से अप्सरा बार्डर तक यानी रोड नंबर-56 पर छह लेन के बनाए जा रहे फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का आखिरी चरण में है।
चढ़ने और उतरने के लिए बनाए गए हैं लूप
लोक निर्माण विभाग ने सिंगल पिलर पर 257 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस फ्लाईओवर को जुलाई में आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी में है। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि इसके शुरू होने से रोड़ नंबर-56 पर श्रेष्ठ विहार, रामप्रस्थ और विवेक विहार लालबत्ती का अवरोध खत्म हो जाएगा और रोड पूरी तरह सिग्नल फ्री हो जाएगी। लोगों को जाम से छुटकारा मिल जाएगा। रोड के आसपास बसी कॉलोनियों के लोगों की सहूलियत के लिए फ्लाईओवर पर चढ़ने व उतरने के लिए दो स्थानों पर लूप बनाए गए हैं।
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गाजियाबाद के लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
इससे उत्तरी पूर्वी दिल्ली के लोगों के साथ सीमा से सटे गाजियाबाद के लोगों को खूब फायदा होगा। इन लालबत्तियों को हटाने के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी, मगर लालबत्तियां हटाने के लिए 2022 में यह परियोजना जमीन पर उतर सकी।
ईंधन की बचत से 2 साल में वसूल हो जाएगी लागत
पीडब्ल्यूडी का दावा है कि फ्लाईओवर के बनने से ईंधन की बचत के माध्यम से निर्माण लागत दो साल में वसूल ली जाएगी। पीडब्ल्यूडी का अनुमान है कि फ्लाईओवर बनने पर एक बार सफर में प्रतिदिन लगभग 1.48 लाख वाहन चालकों के 11.07 मिनट बचेंगे। इससे 42700 घंटे प्रतिदिन मैन पावर की बचत होगी। कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन लगभग 1.50 लाख टन कम होगा। सालाना 16.57 लाख लीटर ईंधन की खपत कम होने से 144.78 करोड़ रुपये की बचत होगी।