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Train: ट्रेन में सफ़र करने वाले, रेलवे का नया नियम पढ़ लीजिए

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Train: भारतीय रेलवे ने ट्रेन में यात्रियों की सुविधा के लिए सख्त नियम लागू किए हैं।

Train: अगर आप ट्रेन में सफर (Journey) करते वक्त बिना हेडफोन के गाने सुनते हैं या फोन पर स्पीकर लगाकर जोर-जोर से बात करते हैं, तो सावधान हो जाइए। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यात्रियों की सुविधा और शांति बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। खासकर रात 10 बजे के बाद इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। पढ़िए पूरी खबर…

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‘रात 10 बजे’ नियम क्या है?

रेलवे (Railway) ने यात्रियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ‘आफ्टर 10 पीएम रूल’ लागू किया है। इसके तहत रात 10 बजे के बाद ट्रेन में शांति बनाए रखना अनिवार्य है। कोई भी यात्री तेज आवाज में गाने या वीडियो नहीं चला सकता और न ही फोन पर जोर-जोर से बात कर सकता है। अगर किसी यात्री की हरकत से दूसरों को परेशानी होती है, तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। रेलवे का कहना है कि यह नियम यात्रियों के आराम को प्राथमिकता देने के लिए बनाया गया है।

नियम तोड़ने की सजा

रेलवे एक्ट, 1989 की धारा 145 के अनुसार, ट्रेन में शांति भंग करना या अन्य यात्रियों को परेशान करना दंडनीय अपराध है। बिना हेडफोन के तेज आवाज में गाने सुनने या स्पीकर पर फोन पर बात करने वाले यात्रियों को पहले चेतावनी दी जा सकती है। इसके बाद 500 से 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर मामलों में यात्री को अगले स्टेशन पर उतारा भी जा सकता है। रेलवे पुलिस (RPF) और टीटीई को इन नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

रात 10 बजे के बाद लागू नियम

  • बिना हेडफोन के तेज आवाज में गाने सुनना या वीडियो चलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • फोन पर जोर-जोर से बात करना मना है।
  • नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइट्स बंद करनी होंगी।

इन नियमों का पालन न करने पर रेलवे सख्त कार्रवाई कर सकता है। टीटीई और रेलवे स्टाफ को यात्रियों को इन नियमों के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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किन कोचों पर लागू हैं नियम?

ये नियम सभी प्रकार के कोचों स्लीपर, एसी और जनरल पर लागू हैं। लेकिन, एसी और स्लीपर कोच में रेलवे स्टाफ की अधिक मौजूदगी के कारण इनका पालन आसानी से कराया जाता है। जनरल कोच में निगरानी कम हो सकती है, लेकिन नियम सभी यात्रियों पर समान रूप से लागू हैं।

बच्चों के लिए नियम

रेलवे नियमों में छोटे बच्चों के रोने को लेकर कोई अलग प्रावधान नहीं है, और इसे अपराध नहीं माना जाता। हालांकि, माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों को जोर-जोर से खेलने, गाने या शोर मचाने से रोकें ताकि अन्य यात्रियों को परेशानी न हो।

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यात्रियों से रेलवे की अपील

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे दूसरों की सुविधा और आराम का ध्यान रखें। रात 10 बजे के बाद हेडफोन का इस्तेमाल करें और धीरे आवाज में बात करें। रेलवे का कहना है कि इन नियमों का मकसद यात्रियों को सजा देना नहीं है, बल्कि सभी के सफर को बेहतर और आरामदायक बनाना है।