Ghaziabad जाने वाले सावधान! इस वजह से जगह-जगह लंबा जाम

गाज़ियाबाद दिल्ली NCR
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Ghaziabad News: गाजियाबाद जाने वालों के लिए जरूरी खबर है। आपको बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम और एक कंपनी के बीच चल रहे विवाद के कारण से शहर के कई चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) बंद हो गए। इससे ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) की तमाम प्रयासों के बाद भी प्रमुख सड़कों पर जाम जैसी स्थिति देखने को मिली।

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आपको बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने साल 2017 में शिव शक्ति ड्रीम होम्स के साथ बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) के तहत 58 चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने और उनकी देखरेख करने का करार किया था। इसके बदले कंपनी को विभिन्न स्थानों पर यूनिपोल पर विज्ञापन लगाने का काम दिया गया था। निगम ने छह साल बाद कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट को फिर से रिन्यू नहीं किया। इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया है। काफी समय तक यह मामला हाईकोर्ट में चला। नगर निगम ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर शनिवार की रात कंपनी के 58 यूनिपोल काट लिए।

इसके बाद कंपनी ने सुबह के समय लगभग 58 चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल बंद कर दिए। इससे ट्रैफिक व्यवस्था एकदम से चरमरा गई। सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ने से और ट्रैफिक सिग्नल के काम न करने से जीटी रोड, रमतेराम रोड, अंबेडकर रोड, राजनगर एक्सटेंशन चौराहे और इंदिरापुरम आदि जगह जाम लग गया। पुराना बस अड्डा, लालकुआं और हापुड़ चुंगी आदि जगहों पर वाहन की रफ्तार काफी धीमी देखने को मिली। हालांकि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने सभी चौराहों पर मौजूद रहकर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया। इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिली।

ट्रैफिक पुलिस ने ये कहा

इसको लेकर गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लोगों को सूचना देते हुए कहा कि कृपया अवगत कराना है कि ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था में तकनीकी खराबी आ गई है। दुरुस्त कराने में दो तीन दिन का समय लग सकता है।

ट्रैफिक सिग्नल का संचालन अब नगर निगम करेगा

इस मामले को लेकर नगर आयुक्त ने कहा कि संबंधित कंपनी को 24 घंटे के अंदर ट्रैफिक सिग्नल का कंट्रोल हैंडओवर करने के लिए बोला गया है। लोकसभा चुनाव तक निगम ट्रैफिक सिग्नल का संचालन खुद करेगा। इसके बाद टेंडर निकालकर दूसरी कंपनी को कुछ समय के लिए काम दिया जाएगा। इसी बीच आईटीएमएस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। इसे पूरा होने में सात से आठ महीने का समय लग जाएगा। आईटीएमएस योजना के तहत शहर के विभिन्न चौराहों पर कैमरे लगाए जाएंगे। सभी कैमरों को निगम में बनाए जा रहे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।

सड़कों पर मिल सकता है जाम

ट्रैफिक सिग्नल न काम करने के कारण सुबह के वक्त लोगों को सबसे अधिक दिक्कत हो सकती है। लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को व्यवस्था बनानी होगी।

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विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी के साथ अनुबंध खत्म होने के बाद नवीनीकरण नहीं किया गया है। इसके बाद भी कंपनी की तरफ से ट्रैफिक सिग्नल का संचालन और यूनिपोल पर विज्ञापन का प्रदर्शन किया जा रहा था। कोर्ट ने निगम के पक्ष में फैसला दिया है। इसके बाद ही यूनिपोल काटे गए।

हरीश शर्मा, एमडी, शिव शक्ति ड्रीम होम्स ने इसको लेकर कहा कि ट्रैफिक सिग्नल के बदले विज्ञापन मिलता था। यूनिपोल काटकर विज्ञापन बंद कर दिया गया। पैसे के अभाव में ट्रैफिक सिग्नल का संचालन कैसे हो सकता है। हमारा मामला सुप्रीम कोर्ट में है।