Jyoti Shinde,Editor
ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1) में 2 महीने पहले 40 दिनों तक शांतिपूर्ण आंदोलन या यूं कहें कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन चला। स्थानीय निवासी बुनियादी मांगों को लेकर एक जगह इकट्ठा हुए..फिर धीरे-धीरे ये कारवां 40 दिनों तक पहुंच गया। एक के बाद एक तमाम मीटिंग..जिसमें पुलिस प्रशासन से लेकर अथॉरिटी-विधायक सभी शामिल हुए..
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आखिरकार मामला सुलझा..मैनेजमेंट कुछ मांगों को लेकर रजामंद भी हुआ। इन सब के बीच एक नोटिस आंदोलन में शामिल रंजना सूरी भारद्वाज और विजय चौहान के नाम से आया। जिसमें 17 अगस्त को मजिस्ट्रेट के सामने पेशी और 50-50 हजार के बॉन्ड साइन करवाने की बात लिखी गई थी। चूंकि आदेश प्रशासन का था इसलिए रंजना सूरी भारद्वाज और विजय चौहान दोनों बिरसख थानें पहुुंचे। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने वहां ये चैप्टर क्लोज़ कर दिया। मतबल रफा-दफ़ा।
पूरे मामले पर जब ख़बरीमीडिया ने रंजना सूरी भारद्वाज से बात की तो उनका कहना था कि ये एक तरह का दबाव था..ताकि हम आंदोलन बीच में छोड़ दें। ये कार्रवाई एकतरफा थी। ये तो सुपरटेक इकोविलेज-1 की एकता है कि सब मजबूती से खड़े रहे और कोई कार्रवाई नहीं हुई। सोचिए अगर इसी जगह एक आम इंसान अकेला इस तरह की चीजें झेल रहा होता तो उसकी ज़िंदगी ख़राब नहीं होती। ऐसे में लोगों को यूनिटी बनाकर रखनी होगी ताकि आगे इस तरह समस्याओं से निबटा जा सके।रंजना ने एक बात और कही कि जहां लोकहित की बात हो वहां इस तरह की धाराए ना ही लगे तो बेहतर होगा।