ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में आंदोलनकारी पिछले 33 दिनों से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन आरोप है कि यही बात पुलिस-प्रशासन के गले नहीं उतर रही है।
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25 मई को पुलिस आंदोलन स्थल पर एक नोटिस के साथ आती है। हालांकि ये नोटिस एक महीने पहले की बताई जा रही है जिसमें Receiving तामील करवाने की तिथि 11 मई लिखी गई थी। लेकिन वहीं पर कलम से तिथि को 25 मई 2023 किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस नोटिस को कांस्टेबल लेकर आए थे। अब इस नोटिस के पीछे की मंशा क्या है ये समझ से बाहर है। हालांकि एक दिन पहले ही यानी 24 मई को आंदोलनकारियों के दल ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा से मुलाकात की थी। इसके पहले आंदोनलकारियों के दल ने ग्रेटर नोएडा के एसीपी से मुलाकात की थी जिन्होंने शांतिपूर्ण आंदोलन की सराहना भी की थी। अब फिर से इस तरह की नोटिस की मंशा क्या है ये आंदोलनकारियों को समझ नहीं आ रहा है।
23 मई को सुपरटेक इकोविलेज-1 में चल रहे आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले बीएस त्रिपाठी, उमेश्वर दुबे, सुमित गुप्ता और अमोद पांडेय ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी(Greater Noida Authority) में बिल्डर ओएसडी सौम्या श्रीवास्तव से भी मुलाकात की थी और आंदोलन के बारे में अवगत कराया।
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सवाल बड़ा है कि क्या अपने हक की लड़ाई लड़ना गुनाह है ..क्या बुनियादी मांगों को पूरा करने की अपील करना गुनाह है..अगर ये गुनाह है तो आंदोलनकारियों ने साफ कह दिया है..
“आंदोलन चलता रहेगा..आगे बढ़ता रहेगा”