World Most Expensive Cow: भरोसा कर पाना थोड़ा मुश्किल है कि कोई गाय भी इतनी महंगी बिक सकती है, परंतु ये सच है कि भारतीय मूल की ये गाय एक दो लाख रुपए की नहीं बल्कि पूरे 40 करोड़ रुपए में बेची गई है। 40 करोड़ में खरीदी गई गाय की चर्चा भारत में अब जोरों शोरों से की जा रही है। लेकिन गाय की इस तस्वीर को देखकर ही आप समझ सकते हैं कि ये कितनी बेहतरीन गाय है।
pic: social media
आखिरकार क्या है इस 40 करोड रूपए वाली गाय का किस्सा
दरअसल, 40 करोड़ रूपए में बिकने वाली गाय मूलत: भारतीय नस्ल की गाय है। ये गाय भारत देश के आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh) के नेल्लोर के आसपास के इलाके में पाई जाती है। पूरे विश्व में इस गाय को वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस के नाम से जाना जाता है। ब्राजील में एक नीलामी के दौरान इस गाय की 4.8 मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत लगी, जो भारतीय रुपये के हिसाब से देखें तो 40 करोड़ रुपये के बराबर है। इसके साथ ही ये अबतक की दुनिया में सबसे महंगी कीमत पर बेची तथा खरीदी जाने वाली गाय बन गई है। जानवरों की नीलामी के इतिहास में यह बिक्री एक मील का पत्थर बन गई है। मकीले सफेद फर और कंधों के ऊपर विशिष्ट बल्बनुमा कूबड़ वाली यह गाय भारत की मूल निवासी है। आप जानकर हैरान होंगे कि इस गाय का नाम नेल्लोर जिले के नाम पर रखा गया है। ब्राजील में इस नस्ल की डिमांड भी बहुत ही ज्यादा है। इस नस्ल को वैज्ञानिक रूप से बोस इंडिकस के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मानें तो, ये भारत के ओंगोल मवेशियों की वंशज है, जो अपनी मजबूती के लिए जानी जाती है। खास बात, ये किसी भी पर्यावरण के हिसाब से खुद को ढाल लेती है। इस प्रजाति की गाय भारत से वर्ष-1868 में जहाज से पहली बार ब्राजील भेजी गई थी। इससे पहले वर्ष-1960 के दशक में कई और गायों को यहां ले जाया गया।
pic: social media
यह भी पढ़ें: विश्वभर में बढ़ रहा है Blue Zone, पूरे 100 वर्ष जीने की गारंटी
क्या क्या हैं इस गाय की विशेषताएं
दरअसल,ओंगोल नस्ल के मवेशियों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये काफी गर्म तापमान में भी आराम से रह सकती हैं। क्योंकि इनका मेटाब़लिज्म काफी अच्छा है। इनमें किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होता। ब्राजील में खूब गर्मी होती है, इस लिहाज से ये गाय काफी पसंद की जाती है। वहां के लोग इसे आसानी से पाल सकते हैं। इस ब्रीड को जेनेटिकली तौर पर और विकसित किया गया है। इससे ऐसी संतान उत्पन्न होने की उम्मीद है जो इससे भी बेहतर होगी। ब्राज़ील में लगभग 80 प्रतिशत गाय नेलोर गाय हैं।