Greater Noida: ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है, आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) में स्थित शाहबेरी में हाइकोर्ट (High Court) के रोक लगाने के बाद भी निर्माण कार्य हो रहा है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जहां पर निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है वहां पर मात्र 1 महीने में ही यानी इस वर्ष जनवरी व फरवरी के महीने में 100 से भी ज्यादा रजिस्ट्री हो गई, और वहां पर तेजी से निर्माण कार्य भी होने लगा है। जिम्मेदारों के संरक्षण के पनप रहा यह धंधा सरकारी अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर रहा है। अवैध रूप से यहां फ्लैट बनाए जा रहे हैं। लोगों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है।
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2023 में हुई थी यहां 900 से ज्यादा रजिस्ट्री
जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद कर यहां बैठे हैं। जिला प्रशासन, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) और पुलिस तीनों विभाग की यह जिम्मेदारी है। जानकार बताते है कि साल भी 2023 में यहां 900 से अधिक रजिस्ट्री हुई। अवैध क्षेत्र में रजिस्ट्री हो रहे यह दावे सिर्फ हवा हवाई ही हैं।
बता दें कि शाहबेरी गांव का अधिग्रहण लगभग 10 साल पहले ही निरस्त हो गया था। लेकिन इसके बाद भी किसानों ने जमीन बिल्डरों को बेच दी थी। बिल्डरों ने यहां अवैध रूप से बिना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराए कई बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी कर दी। साल 2018 तक अवैध कार्य ठीक चलता था।
सुनीति, डीसीपी सेंट्रल नोएडा (DCP Central Noida) ने कहा कि “पुलिस से जब-जब मदद मांगी जाती है पुलिस बल भेजा जाता है। जो केस दर्ज किए गए है उनमें नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।”
120 बिल्डरों के खिलाफ दर्ज है केस
16 जुलाई 2018 को दो अवैध इमारतें गिरने से नौ लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद प्रशासन सतर्क हुआ। शासन ने मामले में सख्ती दिखाई और अवैध इमारतें बनाने वाले लगभग 120 बिल्डरों के खिलाफ केस दर्ज किए गए। उसके बाद शासन ने फैसला लिया कि शाहबेरी में किसी तरह का अवैध निर्माण नहीं किया जाएगा। यह सब केवल कागजों में ही रहा। हाइकोर्ट की रोक के बाद भी यहां निर्माण कार्य जारी रहा और लोगों की जान जोखिम में है।
बनी गई हैं 450 बहुमंजिला इमारतें
एक जांच में खुलासा हुआ है कि बिल्डरों ने इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता व मानकों का कोई पालन नहीं किया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जांच में शाहबेरी में 450 बहुमंजिला इमारतें, 1500 से भी ज्यादा व्यक्तिगत फ्लैट और कई दुकानें अवैध मिली थी।
प्राधिकरण ने कई इमारतों को खतरनाक बताते हुए सील भी कर दिया था। प्राधिकरण कई बार इमारतों को ध्वस्त करने की कोशिश कर चुका है, लेकिन हर बार विरोध का सामना करना पड़ता है।
अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कहा कि “दो दिन पहले ही अवैध क्षेत्र में रजिस्ट्री को लेकर जिला प्रशासन, बिजली विभाग, रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। इसमें स्पष्ट किया गया है कि अवैध क्षेत्र में न रजिस्ट्री हो, न ही बिजली कनेक्शन दिया जाए।”
शशि भानु मिश्रा, एआइजी स्टाम्प ने कहा कि “जिस खसरा संख्या पर रजिस्ट्री हुई है उनकी जांच कराई जाएगी। घटना के बाद शासन कुछ खसरा संख्या पर रोक लगाई थी। यह जांच कराकर सुनिश्चित किया जाएगा कि रजिस्ट्री उसी खसरा संख्या की हो रही है या किसी और की।”