Vastu: सनातन धर्म की बात करें तो इसमें पेड़-पौधों की आय दिन पूजा की जाती है. वहीं सनातन धर्म में पेड़-पौधों के बारे में कई सारे तथ्यों के बारे में भी बताया गया है. हमारे यहाँ इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पेड़ और पौधों में किस तरह के औषिधीय गुण पाए जाते हैं. पीपल के पेड़ के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि केले के पेड़ के भी बहुत सारे महत्व दे रखे गए हैं. केले के पत्ते का उपयोग पूजा-पाठ के लिए किया जाता है. वहीं, हिन्दू धर्म ग्रन्थ के अनुसार, मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी जी का वास होता है. ऐसे भी केले के पत्तों से जुड़े हुए इन वास्तु नियमों को जरूर मानना चाहिए.
केले के पत्तों का कैसे किया जाता है उपयोग
दरअसल गुरुवार के व्रत में केले का पौधा अनिवार्य होता है. विवाह, सत्यनारायण कथा और दीवाली पूजन के मंडप के लिए केले के पाटों का उपयोग आप सभी लोग कर सकते हैं. केले का पत्ता इतना महत्वपूर्ण है कि दक्षिण भारत में तो इसमें खाना तक परोसा जाता है.
क्या है केले के पत्तों कि पौराणिक कथा
केले के पत्ते कि पौराणिक कथा ये है कि एक बार ऋषि दुर्वासा ने अपनी पत्नी को नींद में बाधा डालने पर क्रोधित होकर उन्हें श्राप दे दिया था. पत्नी को दुर्वासा ऋषि ने कह दिया था कि वे केले का पौधा बन जाएँ. उनके पत्नी के क्षमा मांगने के बाद भी दुर्वासा ऋषि ने माफ़ नहीं किया. इसके बाद उनकी पत्नी ने मांग की कि केले के पत्ते कि पूजा अर्चना की जाए. जिसे दुर्वासा ऋषि ने मान लिया. इसके बाद से इस पौधे को हमारे धर्मग्रन्थ में शुभ माना जाता है.