Government Employees Loan: सरकारी कर्मचारियों को उनकी नौकरी के दौरान लोन (Loan) की एक खास सुविधा मिलती है। इसमें न तो उसे ब्याज वसूला जाता है और न ही इस पैसे को लौटाने की जरूरत होती है। निकासी का नियम भी इतना सरल है कि एक एप्लीकेशन (Application) देते ही पैसा आपके खाते में पहुंच जाता है।
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सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) को नौकरी के दौरान कई सहूलियतों के साथ लोन की भी एक विशेष सुविधा दी जाती है। अपनी नौकरी के दौरान करीब हर सरकारी कर्मचारी इस सुविधा का लाभ भी उठाता है। इसमें सबसे खास बात ये है कि लोन चुकाने की पूरी आजादी मिलती है और इस पर ब्याज भी नहीं वसूला जाता।
आपको बता दें कि साल 2004 से पहले सरकारी नौकरी करने वालों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) खाता खोला जाता था। इस खाते में कर्मचारी की सैलरी से हर महीने एक निश्चित राशि काटकर जमा की जाती थी। जो रिटायरमेंट या नौकरी के दौरान जरूरत पर मिलती है।
इस खाते की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे निकाली गई राशि पर कर्मचारी को ब्याज नहीं चुकाना पड़ता है। लेकिन 2004 से नई पेंशन स्कीम (NPS) लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए जीपीएफ खाते खुलने बंद हो गए है।
जीपीएफ खाते में जमा करने का रूल
जीपीएफ (GPF) खाते में सरकारी कर्मचारी की बेसिक और डीए सैलरी का 6 प्रतिशत हिस्सा हर महीने जमा किया जाता है। यह न्यूनतम राशि है, जबकि अधिकतम सौ प्रतिशत हिस्सा भी जमा कराया जा सकता है। यह पैसा एक तरह से भविष्य के लिए जमा किया जाता है। इस पर सरकार की ओर से हर साल ब्याज भी मिलता है। अभी जीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज है, जो हर तिमाही बदलता रहता है।
जानिए कितना पैसा ले सकते है लोन?
जीपीएफ से पहले खाते में जमा कुल राशि का 75 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता था। वर्ष 2021 में सरकार (Government) ने इस पर लिमिट लगा दी थी। और 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक राशि निकालने की ही सुविधा दी। लेकिन बाद में इसकी लिमिट को वापस बदलकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है। पैसे निकालने की लिमिट कर्मचारी के कुल सेवा काल के आधार पर तय की जाती है। लेकिन लोन कितनी भी अवधि के लिए क्यों न लिया जाए, उस पर कर्मचारी को ब्याज चुकाने की जरूरत नहीं होती है।
दो तरह से मिल जाता है लोन
जीपीएफ के मुताबिक कर्मचारी दो तरह से लोन ले सकता है। अगर आप नौकरी के 15 साल भी चुके है। तो कर्मचारी अस्थाई लोन ले सकता है जिसमें अधिकतम 75 प्रतिशत और कुछ मामलों में 90 प्रतिशत राज दिया जाता है इस पर कोई ब्याज नहीं ले जाता है। अगर आपके रिटायरमेंट (Retirement) से 10 साल से काम का समय है तो इस पैसे को वापस करने की भी जरूरत नहीं होती है। इसका मतलब है कि आपकी मर्ज हो तो आप ईएमआई चुकाएं, वरना आपसे वसूली नहीं की जाएगी।