Azamgarh की 11वीं की छात्रा की मौत का सच और पैरेंट्स का दर्द

उत्तरप्रदेश एजुकेशन दिल्ली NCR
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Jyoti Shinde, Editor

8 अगस्त को यूपी के स्कूल बंद रहेंगे। कल ये ख़बर तेजी से वायरल हुई। सभी पैरेंट्स स्कूल के मैसेज..सगे संबंधी, पडोसी से स्कूल खुला है कि बंद है..को लेकर जद्दोजहद करते दिखाई दिए। मतलब कल तक जिन पैरेंट्स की नज़र स्कूल से आए मैसेज पर ज्यादा थी..स्कूल खुला है या बंद इस पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि आजमगढ़ में 11वीं की छात्रा की मौत आखिर कैसे हो गई। उसके पीछे का सच क्या है। और छात्रा की मौत हुई तो स्कूलों को क्यों बंद करवाया जा रहा है।

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आपको बता दें इसके पीछे शिक्षा माफिया का बहुत बड़ा रोल है। ये कारोबार हजारों करोड़ का है। और इनका एक्शन भी तेजी से दिखता है जैसा आजमगढ़ केस में दिखाई दिया।

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आजमगढ़ की चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज में छात्रा की संदिग्ध मौत मामले में प्रधानाचार्या व शिक्षक की गिरफ्तारी को लेकर सीबीएसई स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन लामबंद हो गया है। उसने पूरे प्रदेश में आठ अगस्त को प्राइवेट स्कूलों को बंद करने की अपील कर दी। जिस पर तमाम स्कूलों ने अमल भी कर लिया। उन्हें प्रिंसिपल की गिरफ्तारी दिखी..बच्ची की मौत नहीं।

क्या है पूरा मामला वो भी जान लीजिए।

31 जुलाई 2023..आजमगढ़ के हरवंशपुर में स्थित चिल्ड्रेंस गर्ल्स कॉलेज और उसमें पढ़ने वाली 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की स्कूल की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो जाती है। ये ख़बर आग की तरह पूरे यूपी में फैल जाती है। आनन-फानन में स्कूल की प्रिंसिपल और एक शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत चोट लगने से हुई है।

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बच्ची के पैरेंट्स ने क्या बताया ?

बच्ची के पैरेंट्स का कहना है कि शुक्रवार को श्रेया के बैग में मोबाइल रखा देख क्लास टीचर भड़क गई और उसे भला बुरा कहा। जबकि हमने श्रेया को की-पैड वाला मोबाइल दिया था क्योंकि घर से स्कूल दूर था। अगर किसी वजह से ऑटो नहीं मिलता तो वो फोन करके मुझे स्कूल छोड़ देने को कहती थी।

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सोमवार 31 जुलाई को श्रेया बिल्कुल ठीक स्कूल गई थी। दिन में उनके पिता के पास स्कूल से फोन आता है कि आपकी बच्ची का मैटर है इसलिए आप अपनी पत्नी को भेज दीजिए। श्रेया के पिता ने पत्नी को फोन करके फौरन स्कूल जाने को कहा। उसके 10 मिनट बाद फिर श्रेया के पिता के पास फोन आता है कि आप पत्नी को छोड़ दीजिए, खुद चले आइए..हड़बड़ी में एक तरफ श्रेया की मां तो दूसरी तरफ श्रेया के पिता दोनों स्कूल पहुंचते हैं तब जाकर उन्हें सच्चाई का पता चलता है। आरोप है कि इस बीच स्कूल मैनेजमेंट श्रेया की डेड बॉडी भी चादर में लपेटकर एक कोने में रख देते हैं।

सोचिए उस मां पर क्या बीत रही होगी जिसकी बच्ची उससे जुदा हो गई। उस पिता पर क्या बीत रहा होगा जिसके कलेजे का टुकड़ा इस दुनिया को छोड़कर चली गई। बच्ची के पैरेंट्स ने पूरे प्रकरण में स्कूल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त सज़ा की मांग की है। साथ ही परिजनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार भी लगाई है।

ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम ने पूरे मामले को बेहद दुखद बताया और प्रशासन से जांच की मांग की ताकि सच्चाई सामने आ सके।

सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि एक बच्ची के जाने का दर्द माता-पिता को आजीवन सालता रहता है। ये वो जख्म है जो कभी नहीं भर सकता। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि पूरे मामले की जांच हो ताकि बच्ची को इंसाफ मिल सके।

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