आखिर क्या होगा 22 मई को… कि नोएडा में कुछ घंटों के लिए ऊपर से विमान नहीं गुजरेंगे…नोएडा एक्सप्रेसवे भी बंद रहेगा। सुरक्षा ऐसी की सड़कों पर पुलिस और आर्मी के जवान तैनात रहेंगे। ऐसा हम नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अथॉरिटी कह रही है। क्योंकि 22 मई को सुपरटेक के नोएडा के सेक्टर-93-ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर (Twin Tower) को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा।
22 मई की दोपहर नोएडा के एक खास इलाके के 5 किमी के दायरे में विमान उड़ान नहीं भरेंगे। इतना ही नहीं दो एक्सप्रेसवे भी आधा से एक घंटे के लिए बंद किए जा सकते हैं। सर्विस रोड भी कई घंटे के लिए बंद हो जाएंगे। सुपरटेक एमराल्ड योजना के तहत बने ट्विन टावर सियान और एपेक्स को गिराए जाने के वक्त यह कदम उठाया जा सकता। आपको बता दें कि 10 अप्रैल को इसी टावर में ट्रायल ब्लास्ट भी किया गया था।
टावर गिराने की एक-एक डिटेल जानिए
सुपरटेक के नोएडा सेक्टर-93ए स्थित ट्विन टावर((Supertech Twin Tower) सियान और एपेक्स को 22 मई को गिरा दिया जाएगा। जिसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है। यही वजह है कि 22 मई को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway) को कुछ देर के लिए बंद किया जा सकता है। इसे लेकर प्लान तैयार किया जा रहा है।
कैसे गिराया जाएगा ट्विन टावर ?
32 मंजिला टावर को गिराने का काम 500 लोगों की टीम करेगी। इसमें मजदूरों से लेकर इंजीनियर तक शामिल होंगे। एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले सियान में धमाका कर चार सेकेंड में गिराया जाएगा। इसके तीन सेकेंड के बाद एपेक्स को गिराया जाएगा। एपेक्स को इस तरह से गिराया जाएगा जिससे यह तीन मीटर तक झुक जाए। वहीं, भवन से 200 मीटर दूर से इलेक्ट्रिक डिवाइस (रिमोट) का बटन दबाकर विस्फोट कराया जाएगा। इस दौरान टावर का मलबा रोड पर आकर न गिर जाए, किसी को चोट न लग जाए इसके लिए यह जरूरी कदम उठाए जाएंगे। दोनों टावरों को गिराने के समय में तीन सेकेंड का अंतर रहेगा। यह अंतर ही एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी को नुकसान होने से बचाएगा।
7 ब्लास्ट के बाद 8 सेकेंड में गिरेंगे टावर, 8 मिनट तक रहेगा धूल का गुबार
जानकारी के मुताबिक टावर के बेसमेंट से लेकर सबसे ऊपरी मंजिल पर विस्फोटक लगाए जाएंगे। प्राइमरी और सेकेंडरी ब्लास्ट के जरिये टावर को एक तरफ गिराने की बजाय सीधे जमींदोज किया जाएगा, ताकि आसपास का एरिया सुरक्षित रहे। एक के बाद एक 7 ब्लास्ट होंगे और 8 से 10 सेंकेंड में टावर ध्वस्त हो जाएंगे। हालांकि धूल का गुबार खत्म होने में 8 से 10 मिनट का समय लगेगा। टावर ध्वस्त होते ही पानी का छिड़काव से धूल पर काबू किया जाएगा। हरे रंग के पर्दे लगाकर धूल को रोकने का काम किया जाएगा।
30 मीटर ऊंची कंटेनर की दीवार होगी सुरक्षा कवच
टावरों को ध्वस्त करने के दौरान आसपास की इमारतों की सुरक्षा बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए टावरों के चारों तरफ 30 मीटर ऊंचाई तक कंटेनर रखे जाएंगे। इसके बाद सुरक्षा की एक और दीवार बनाई जाएगी। टावरों के नजदीक से गुजर रही गैस पाइपलाइन के ऊपर सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा। ट्विन टावर के हर कॉलम में लोहे का जाल बनाया जाएगा, जिसे कागज से लपेटकर कवर किया जाएगा। इसके बाद इसमें विस्फोटक लगाने के लिए छेद किए जाएंगे। ट्विन टावर और एमरॉल्ड कोर्ट के बेसमेंट की पार्किंग एक ही है, ऐसे में एमरॉल्ड कोर्ट की पार्किंग को भी सुरक्षित रखने के लिए इंतजाम किए जाएंगे।ट्विन टावर को ध्वस्त करने से पहले सभी दीवारों को तोड़ने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। श्रमिकों को यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से बुलाया गया है। इस काम के लिए करीब 4 हजार किलो बारूद का इस्तेमाल किया जाएगा।
वॉटरफाल के तरीके से गिराए जाएंगे टावर
अमेरिका की कंपनी इससे पहले भारत में ही मुम्बई और कोच्चि में भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग गिराने का काम कर चुकी है। कंपनी ने नोएडा अथॉरिटी में अपना प्रस्ताव पेश करते हुए बताया है कि वो ट्वीन टावर को वॉटरफाल का तरीका अपनाकर तोड़ेगी। इसके लिए टावर के कॉलम, बीम और दिवारों में कई जगह छेद कर वी शेप में एक्सप्लोसिव लगाया जाएगा. इस तरीके से टावर का मलबा एक झरने से गिरने वाले पानी की तरह से नीचे आएगा. खास बात यह है कि मलबा टावर के अंदर की ओर गिरेगा।
300 मीटर दूर से देख सकते हैं टावर गिरते हुए
अक्सर देखा जाता है कि इस तरह से जब कहीं भी बिल्डिंग गिराई जाती है तो देखने वालों की भीड़ लग जाती है. लेकिन मौके पर मौजूद कंपनी के लोगों की मानें तो ट्विन टावर के 300 मीटर एरिया में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी। यहां तक की जब टावर गिराए जाएंगे तो आसपास की सोसाइटी में भी छतों तक पर किसी को रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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