दिल्ली-NCR के बड़े बिल्डरों में से एक सुपरटेक लिमिटेड (Supertech Ltd) के दिवालिया घोषित होने की खबर ने घर खरीदने वालों के माथे पर शिकन ला दी है। अब सवाल यह उठता है कि सुपरटेक के 25 हजार ग्राहकों को फ्लैट कब मिलेंगे…?
खबरों के मुताबिक सुपरटेक पर यूनियन बैंक का काफी कर्ज बकाया है। कर्ज लौटाने पर कंपनी के बार-बार डिफॉल्ट करने की वजह से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की दिल्ली बेंच के पास सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की याचिका दायर की थी। बैंक की इस याचिका को NCLT ने स्वीकार कर लिया है।
होम बायर्स की बढ़ गई मुश्किलें
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरटेक की जो योजनाएं दिल्ली-एनसीआर में चल रही है वो अधूरी हैं और उनमें अपने घर बुक करा चुके लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा लगा हुआ है। ऐसे में अब जब सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तो इससे करीब 25 हजार घर खरीदारों को बड़ा झटका लगा है। इन लोगों ने सुपरटेक की विभिन्न परियोजनाओं में अपने घर बुक किए हुए हैं और उन्हें अब तक कब्जा नहीं दिया गया है।
सुपरटेक लिमिटेड की एनसीआर-गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई परियोजनाएं हैं। हालांकि, सुपरटेक (Supertech) दिवालिया होने वाली पहली डेवलपर नहीं है। जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infra) अगस्त 2017 में दिवालिया प्रक्रिया में जा चुकी है।
ये है सुपरटेक का स्टैंड
हालांकि इन खबरों के बीच सुपरटेक ने अपना स्टैंड साफ किया है। कंपनी का दावा है कि एनसीएलटी के इस फैसले से समूह की किसी भी अन्य कंपनी के ऑपरेशन पर कोई असर नहीं होगा। जहां कहीं भी प्रोजेक्ट्स पर निर्माण का काम चल रहा है, वह चलता रहेगा। कंपनी ने कहा है कि ‘घर खरीदारों को घबराने की जरूरत नहीं है। सुपरटेक के मुताबिक- पिछले सात साल में 40 हजार से ज्यादा यूनिट डिलीवर करने का हमारा शानदार रिकॉर्ड रहा है। कंपनी के मुताबिमक दिसंबर 2022 तक 7 हजार यूनिट डिलीवर करने के लिए मिशन कंप्लीशन-2022 अभियान चलाया है। इसके तहत घर खरीदारों को उनकी बुकिंग के बदले डिलीवरी करना जारी रखेंगे। सुपरटेक की तरफ से आए इस तरह के बयान के बाद फ्लैट खरीदारों को थोड़ी राहत जरूर मिली है।
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