एक दशक पहले जब सुपरटेक लिमिटेड ने ग्राहकों को सब्जबाग दिखाकर जो फ्लैट बेचे थे, उनसे लाखों रुपए वसूले थे। उस समय फ्लैट खरीदने वालों ने ये सपने में भी सोचा नहीं होगा कि उन्हें ये दिन देखने होंगे। लेकिन ये हकीकत है। आज वहां की गंदगी देखकर आप हैरान हुए बिना रह पाएंगे।
अपने हालात को बयां करती ये तस्वीरें ईकोविलेज-1 की है। जहां सुबह हो या शाम, मच्छरों का ऐसा अंबार नजर आता है कि जैसे ये सोसायटी नहीं बल्कि जंगल का इलाका हो।
टावर में घुसते ही सीवेज की बदबू ने लोगों का जीना हराम कर रखा है। ज्यादातर टावर के बेसमेंट में कूड़े का अंबार है। सोसायटी के लोगों की लाख शिकायतों के बावजूद कूड़े का निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
बेसमेंट में पड़ा कूड़ा बीमारी को सीधी दावत है। गंदगी में मलेरिया, डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। कहीं साफ्ट खुले हैं तो बेसमेंट में तारों का जाल बिछा है। जब लोगों का पारा हाई होता है तो मैनेजमेंट मीटिंग रख लेता है। कागजी प्रक्रिया जोर-शोर से चलती है। और मीटिंग के बाद मैनेजमेंट ‘हम कहां- तुम कहां’ वाली कहावत पर चलना शुरू कर देता है।
लेकिन मेंटनेंस चाहिए वो भी ऑन टाइम। सवाल यही कि अगर लोगों से मेंटनेंस वसूला जा रहा है तो उन्हें वो सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही है जिसके वो हकदार हैं। मैनेजमेंट के रवैये से एक बार फिर सुपरटेक-1 के रहवासी बेहद परेशान हैं और आगे बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
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