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Bihar में कृषि एवं सम्बद्ध कृषि क्षेत्रों को सहकारिता के माध्यम से बनायें सशक्त: डॉ. प्रेम कुमार

बिहार
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Bihar News: तमिलनाडु भ्रमण के दौरान डॉ. प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग ने कन्याकुमारी के मारथनडम में स्थित दी मारथनडम बी-कीपर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी और थालाकुलम इरानील पैक्स का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहाँ के सचिव और अन्य सदस्यों के साथ उनके कार्यकलापों पर विस्तृत चर्चा की।
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दी मारथनडम बी-कीपर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी के सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह समिति 1937 से कार्यरत है और इसमें 2000 से अधिक मधुमक्खीपालक सदस्य हैं। समिति नियमित रूप से उचित दर पर शहद क्रय करती है और शहद उत्पादक किसानों को आवश्यक सुविधाएँ व सेवाएँ प्रदान करती है, जिससे उन्हें अपने उत्पाद के लिए बाजार, पूँजी और उपस्कर के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होती। मंत्री महोदय ने समिति में स्थित शहद प्रोसेसिंग यूनिट का भी दौरा किया और शहद एवं मोम उत्पादन की प्रक्रियाओं का निरीक्षण किया, जिसकी उन्होंने सराहना की।

यह भी जानकारी मिली है कि बिहार में शहद उत्पादक सहकारी समितियों का संघ बनने की योजना है। ऐसे में तमिलनाडु की सफल समितियों के कार्यकलापों से प्रेरणा लेकर बिहार में कार्ययोजना तैयार करने में सहायता मिल सकती है।

इसके बाद मंत्री ने थालाकुलम इरानील पैक्स का दौरा किया और वहाँ की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। इस समिति में क्रॉप इंश्योरेंस, गोल्ड लोन और अन्य वित्तीय सहायता का प्रावधान है, जो कि बिहार के पैक्सों में अभी उपलब्ध नहीं है। राज्य के पैक्सों को एम-पैक्स में परिवर्तित करने के बाद ऐसी सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं।

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माननीय मंत्री ने तमिलनाडु की सहकारी समितियों के कार्यों की सराहना की और विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तमिलनाडु का सहकारी मॉडल प्रेरणादायक है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार में भी कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि राज्य के किसानों को आवश्यक वित्तीय सहायता मिल सके और स्वरोजगार के अवसरों का विकास हो सके।