Ram Mandir: अयोध्या में बन रही भगवान श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) में साल 2024 में रामलला विराजमान होंगे। इसके लिए तैयारियां जोरो पर चल रही हैं। अगले साल 24 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। इसके लिए दुनिया के कई देशों से बहुत सारी चीजें आईं हैं और बहुत कुछ आने वाली हैं। इसी क्रम में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले एक विशेष संकेत मिला है, जिसमें थाईलैंड ने मिट्टी भेजने की बात कही है।
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एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक राम मंदिर के लिए थाईलैंड (Thailand) की मिट्टी भेजने वाली बात पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के थाईलैंड चैप्टर के अध्यक्ष सुशील कुमार सराफ ने जानकारी दी कि हम मिट्टी को अयोध्या ले जाने के लिए गोविंद बृज महाराज को सौंपने जा रहे हैं। आपको बता दें कि थाईलैंड ने राम मंदिर के लिए मिट्टी से पहले दो नदियों का पानी भी भेज चुका है।
राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रण
थाईलैंड में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष सुशील कुमार सराफ ने कहा कि थाईलैंड का भारत के साथ गहरा सांस्कृतिक संबंध है। यह और मजबूत होगा। आपको बता दें कि सुशील कुमार सराफ थाईलैंड के एक प्रमुख कारोबारी हैं। वो थाई चैंबर ऑफ कॉमर्स के सलाहकार भी हैं। एक इंटरव्यू में कहा कि हमने यहां बैंकॉक में श्री राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई है, ताकि लोग दर्शन कर सकें।
हमें भी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए कई लोग वहां जाएंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि थाईलैंड से यात्रा करने वालों के लिए राम मंदिर आकर्षण का एक अतिरिक्त बिंदु होगा। अभी तक लोग सारनाथ और बोधगया घूमने आते थे। अब, वे राम मंदिर भी जाएंगे।
थाईलैंड में राम वंश का शासन
भारत और थाईलैंड के बीच सांस्कृतिक संबंध के बारे में बोलते हुए सराफ ने कहा कि यहां हर घर में आपको गणेशजी की मूर्ति मिल जाएगी। यहां के कई मंत्रालयों के प्रतीक चिन्ह हिंदू प्रतीकों से मिलते जुलते हैं। गरुड़जी उनके कई विभागों के प्रतीक हैं। ब्रह्मा के दर्शन के लिए विभिन्न देशों से लोग यहां आते हैं। बौद्धों को हिंदुओं से कोई दिक्कत नहीं है। वे जानते हैं कि हम शांतिप्रिय लोग हैं। थाईलैंड में बसने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि थाईलैंड हिंदुओं के लिए एक अच्छी जगह है। यहां राम वंश का शासन है। हम रामराज्य की बात करते हैं। वह यहां मौजूद हैं।
थाईलैंड के पहले दुनिया के लगभग 155 देशों से पानी आ चुका है। इनमें फीजी, मंगोलिया, डेनमार्क, भूटान, रोमानियां, हैती, ग्रीस, कोमोरोस, कबेवर्डे, मोन्टीनीग्रो, टुवालू, अल्बानियां और तिब्बत आदि देश शामिल हैं।