Social Media: भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए IT नियमों में बड़े बदलाव किए हैं।
Social Media: भारत सरकार ने IT नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platforms) पर कंटेंट हटाने का आदेश केवल सीनियर अधिकारी (Senior Officer) ही दे सकेंगे। हर आदेश में कानूनी कारण और लिंक देना अनिवार्य होगा, और इसे हर महीने समीक्षा के लिए रखा जाएगा। नए नियम 1 नवंबर, 2025 से पूरे देश में लागू होंगे। पढ़िए पूरी खबर…

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कौन-कौन से बदलाव हुए हैं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर कोई भी पोस्ट अब बिना ठोस वजह के नहीं हटाई जा सकेगी। सरकार ने IT Rules, 2021 के नियम 3(1)(d) में संशोधन किया है। इसका उद्देश्य ऑनलाइन गलत या अवैध कंटेंट हटाने की प्रक्रिया को जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है।
पहले का सिस्टम
2021 में लागू हुए IT नियमों के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों को कोर्ट या सरकार के आदेश मिलते ही अवैध कंटेंट हटाना होता था। लेकिन इसमें कमी यह थी कि कभी-कभी निचले स्तर के अधिकारी बिना स्पष्ट कारण बताए पोस्ट हटाने का आदेश दे देते थे। इसी कमी को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने नए नियम लागू किए हैं।
अब केवल सीनियर अधिकारी का अधिकार
नए नियमों के अनुसार, अब कंटेंट (Content) हटाने का आदेश केवल उच्च रैंक के अधिकारी ही दे पाएंगे। मंत्रालयों में यह जिम्मेदारी संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अधिकारी की होगी। वहीं, पुलिस विभाग में DIG या उससे ऊपर के अधिकारी ही ऐसा आदेश दे पाएंगे। इससे निचले स्तर पर होने वाली मनमानी रोकने में मदद मिलेगी।

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हर आदेश में देना होगा पूरा विवरण
कानूनी आधार- किस कानून या धारा के तहत पोस्ट हटाई जा रही है।
उल्लंघन का कारण- कंटेंट में क्या गलत है, जैसे नफरत फैलाना, फेक न्यूज या अश्लीलता।
URL या लिंक- हटाए जाने वाले कंटेंट का सटीक वेब एड्रेस।
इससे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और बिना ठोस कारण के सेंसरशिप पर रोक लगेगी।
हर महीने होगी समीक्षा
अब हर महीने उन सभी आदेशों की समीक्षा की जाएगी जो कंटेंट हटाने के लिए जारी किए गए हैं। यह समीक्षा सचिव स्तर से नीचे के अधिकारियों द्वारा नहीं की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर कार्रवाई कानून के अनुरूप और आवश्यक हो।
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यूजर्स को मिलेगा फायदा
नए नियमों से सबसे बड़ा फायदा पारदर्शिता और जवाबदेही में होगा। अब कंटेंट (Content) हटाने का आदेश सिर्फ सीनियर अधिकारी देंगे, जिससे मनमानी पर रोक लगेगी। सोशल मीडिया कंपनियों को भी अब स्पष्ट गाइडलाइन मिलेगी कि किस कानून के तहत कौन सा कंटेंट हटाना है। सोशल मीडिया यूजर्स के लिए भी यह बदलाव राहत भरे हैं, क्योंकि अब उनके पोस्ट या वीडियो बिना वजह हटाए नहीं जाएंगे। यह संशोधन IT एक्ट के तहत सरकार की ताकत और नागरिकों के अधिकार के बीच संतुलन बनाता है।

