उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Greater Noida: इस साल भारत G-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट में भाग लेने के लिए विदेशी मेहमान भारत आ रहे हैं। अब जी-20 समिट की अगली बैठक दिल्ली में सितंबर में होने वाली है। जिसकी तैयारी कई महीनों पहले से ही शुरू कर दी गई है।
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इसी जी-20 समिट दिल्ली की बैठक को लेकर शहर को चमकाने की सिलसिला पांच महीने पहले शुरू हुआ था। इसमें सड़कों की रीसर्फेसिंग भी शामिल है। तब अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी थी। शहर की मेन सड़क पी-थ्री से परी चौक की दोनों ओर की सड़क को बने अभी एक महीने का समय ही बीता है कि सड़क में गड्ढों ने अपनी जगह बनानी शुरू कर दी है।
परी चौके से कुछ मीटर पहले ही पी थ्री से आने वाले मार्ग पर गड्ढा बन गया है। बारिश के बाद इसमें पानी भी भर गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अथॉरिटी के अधिकारियों और ठेकेदार के इरादे कितने मजबूत थे कि एक महीने भी सड़क दुरुस्त नहीं रह सकी। आपको बता दें कि सड़क निर्माण पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
चार महीने पहले हुआ था टेंडर, नतीजा शून्य
तीन महीने पहले पूर्व सीईओ रितु माहेश्वरी के कार्यकाल में शहर के प्रमुख मार्गों की रीसर्फेसिंग के कार्यों के लिए टेंडर जारी हुआ था। ग्रेटर नोएडा में जी20 देशों के राजनयिक प्रवास करेंगे। मेहमानों के सामने शहर की अच्छी तस्वीर पेश करने के लिए सड़कों के किनारे रंग-बिरंगी लाइटें, कलाकृतियां, मेट्रो के पिलर पर चित्रकारी, जगह जगह जी20 के लोगों, नई एलईडी लाइट आदि साज-सज्जा के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सड़कों की रिसर्फेसिंग भी की गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अथॉरिटी ने सड़क दुरुस्त करने के लिए चार महीने पहले टेंडर जारी किया था। सड़क बने कुछ ही समय हुआ था कि गड्ढे होने लगे। बारिश का मौसम अभी एक महीने और जारी रहेगा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लंबे समय तक रीसर्फेसिंग टिकने वाली नहीं है।
वाहनों का दबाव अधिक कैसे दुरुस्त रहेगी सड़क
दरअसल बिटुमिन (डामर) से बनी स़ड़क पर यदि जलभराव होने लगे तो डामर की पकड़ कमजोर हो जाती है, और फिर सड़क टूटने लगती है। पी-थ्री से परी चौक तक करीब 30 हजार वाहन हर दिन गुजरते हैं। इनमें भारी वाहनों की संख्या भी अधिक है। कासना, डीएमआइसी, साइट चार में हजारों की संख्या में उद्योग और वाणिज्यक संस्थान हैं। यहां से हर दिन भारी वाहन सामान लेकर जाते हैं। सड़क पर गड्ढा बनते ही वाहनों के गुजरते ही ये और बड़े हो जाते हैं।
टूटी सड़कों की सुध नहीं, अच्छी सड़क की कर दी रीसर्फेसिंग
ग्रेटर नोएडा में तिलपता मार्ग, सूरजपुर मार्ग, टाय सिटी, औद्योगिक सेक्टर इकोटेक तीन, डीएससी रोड समेत कई सड़कें टूटी पड़ी हैं। इससे लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। प्राधिकरण इन्हें नहीं बना रहा है। वहीं दूसरी जगत फार्म मार्केट में गड्ढा मुक्त सड़क पर करीब दो करोड़ रुपये की लागत से रीसर्फेसिंग का कार्य कर दिया गया। इसका टेंडर भी पूर्व सीईओ रितु माहेश्वरी के कार्यकाल में निकाला गया था। आश्चर्य की बात यह है कि अधिकारियों ने इतना ध्यान में नहीं दिया कि जो सड़क अच्छी खासी बनी हुई है, उस पर बिना वजह दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। जो सड़क टूटी हुई है,उन्हें नहीं बनाया जा रहा है।
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