Chandigarh News: चंडीगढ़ पीजीआई में मरीजों (Patients) को दिखाने वाले तीमारदारों के लिए राहत भरी खबर है। पीजीआई ओपीडी (PGI OPD) में रजिस्ट्रेशन का समय सुबह 8 से 11 बजे तक का रहता है। कुछ विभाग ऐसे हैं जिसमें मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। ऐसे में ओपीडी देर शाम तक चलती है, लेकिन मरीजों के चैकअप (Patients Checkup) में देरी की समस्या सामने आ रही है। इसे देखते हुए पीजीआई प्रशासन (PGI Administration) ने आदेश जारी किए हैं कि वक्त पर सारा काम किया जाए।
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आदेश में कहा गया है कि ओपीडी (OPD) और अस्पताल में चलने वाले स्पेशल क्लीनिक समय पर नहीं खुल रहे हैं या स्टाफ बीच में ब्रेक ज्यादा लंबे ले रहा है। ऐसे में सभी सुविधाएं अपने निर्धारित समय से बहुत ज्यादा लंबी चल रही है। ऐसे में सभी सुविधाओं को समय पर शुरू करने का आदेश दिया गया है।
मरीजों की संख्या पहले ही बहुत ज्यादा है, उन्हें सुबह से ही बारी का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में देरी होने के कारण उनका वक्त और जाया होता है। इस आदेश से मरीजों को फायदा होगा। साथ ही स्टाफ भी वक्त पर फ्री हो सकेगा, जिससे काम का बोझ उन्हें कम महसूस होगा।
पिछले महीने ही दिया था डॉक्टरों को आदेश
यह पहला मौका नहीं है कि पीजीआई में कुछ डॉक्टरों (Doctors) और स्टाफ की लेटलतीफी की वजह से ओपीडी में मरीजों के चैकअप में देरी की समस्या आ रही है। पिछले महीने कुछ डॉक्टरों के देरी से पहुंचने की जानकारी सामने आई तो पीजीआई प्रशासन को डॉक्टरों के देरी से पहुंचने की आदत पर अंकुश लगाने के लिए फैसला लेना पड़ा है।
पीजीआई प्रशासन (PGI Administration) ने देरी से पहुंचने वाले डॉक्टरों को समय पर विभाग या ओपीडी पहुंचने के लिए अल्टीमेटम दिया था। साथ ही कहा था कि समय पर पीजीआई न पहुंचने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।
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ओपीडी में फैकल्टी के आने का वक्त सुबह 9.15 बजे
कुछ साल से लगातार पीजीआई (PGI) में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ओपीडी में रोजाना 8 से 10 हजार मरीज आते हैं, लेकिन कई बार मरीजों की संख्या इससे भी पार हो जाती है। फैकल्टी का ओपीडी में आने का समय सुबह 9.15 बजे का है, लेकिन काफी समय से सीनियर फैकेल्टी वक्त पर नहीं आ रही थी। देरी से आने की वजह से सिर्फ ओपीडी के साथ ही डॉक्टर वाडों के राउंड भी वक्त पर नहीं लगा पाते।
लिखित में विभागों के क्लीनिक हेड, डीन एकेडमिक, डिप्टी डायरेक्टर, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को आदेश भेज दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि कोई भी सीनियर फैकल्टी आदेशों की पालना नहीं करता है तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।