Nodia News: नोएडा में इनकम टैक्स ने 4 बिल्डरों पर बड़ी कार्रवाई की है। आपको बता दें कि कॉमर्शियल स्पेस (Commercial Space) बेचने की आड़ में नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एडवंट, लाजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी (Broker Company) नकद लेनदेन के जरिये बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। जिसके खिलाफ इनकम टैक्स (Income Tax) ने नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद में 37 ठिकानों पर रेड डाली जो बढ़कर 40 स्थानों पर पहुंच गई।
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इनकम टैक्स (Income Tax) की इस सर्च ऑपरेशन में बिल्डरों के ठिकानों से दो करोड़ नकद और 50 करोड़ रुपए नकद लेन देने के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। दस्तावेजों के स्पष्ट होता जा रहा है कि लाजिक्स ग्रुप (Logix Group) कॉमर्शियल स्पेस को बड़े पैमाने पर बेचने का ठेका भूटानी ग्रुप की ओर से लिया गया है, जिसमें सभी की हिस्सेदारी तय की गई थी। इस सर्च में इनकम टैक्स के 400 से ज्यादा कर्मी और अधिकारी लगे है। इसमें नोएडा में 21 स्थान, दिल्ली में 18 और फरीदाबाद में एक स्थान पर सर्च किया गया है।
कॉमर्शियल स्पेस बेचने में हुआ टैक्स चोरी का पूरा खेल
यह पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप (Logix Group) के कॉमर्शियल प्लाट स्पेस को बेचने के लिए किया जाता था। लॉजिक्स ने इसके लिए भूटानी ग्रुप से इंटरनल एग्रीमेंट कराया था। जिसके अनुसार भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया। यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया जा रहा था। करीब एक प्लाट को बेचने में 40 प्रतिशत की राशि कैश में ली जाती थी। जिसकी न कोई पक्के दस्तावेज होते है और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट। इसी कॉमर्शियल स्पेस में नामी गिनामी लोगों ने अपना ब्लैक मनी भूटानी में खूब खपाया। इसकी खबर आयकर विभाग को भी मिली।
2000 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए भूटानी से मिलाया हाथ
एक खबर के अनुसार लॉजिक्स ग्रुप (Logix Group) ने इंडिया बुल्स से लगभग 2000 करोड़ का लोन लिया है। इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लाट खरीदे। ये प्लाट ऑफिस कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू हुआ लेकिन आधा अधूरा निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम बंद करवा दिया। उधर लगातार इंडिया बुल्स की तरफ से लोन जमा करने का प्रेशर बना। जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए। जिसके अनुसार भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और बेचेगा। धीरे धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को देगा। हुआ भी ऐसा। लेकिन यहां का लगभग ज्यादा से ज्यादा काम टैक्स चोरी कर किया गया ।
फरवरी 2022 में इनकम टैक्स को मिला पहली सूचना
आज से करीब डेढ़ साल पहले यानी कि फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहली सूचना मिली। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान इनकम टैक्स को जानकारी मिली कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108। ये दोनों एक मदर कंपनी के ही हिस्से हैं। इनका पैसा भी इस कॉमर्शियल स्पेस में लगाया गया है। इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था। उसका पैसा भी इसमें लगा है। ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ सर्च की गई।
दो करोड़ रुपए मिला कैश
इस सर्च में नोएडा के अलग-अलग स्थानों से करीब 2 करोड़ रुपए कैश मिल चुका है। अंदाजा है कि कैश बढ़ सकता है क्योंकि अब तक कई दराज खोले नहीं जा सके है। इसके अलावा कई लोकेशन को बदला गया। यानी जो लोकेशन विभाग को मिली उसके आसपास ही इन लोगों के कई और ठिकाने भी हैं। अब वहां भी सर्च की जा रही है। इसके अलावा 50 करोड़ के टैक्स चोरी के दस्तावेज यानी कच्चे बिल मिले है। ये रकम कॉमर्शियल स्पेस बेचने के दौरान के है।