Pushkar Dhami: CM Dhami laid the foundation stone for the renovation of Maa Purnagiri temple, initiative to preserve the religious heritage.

Pushkar Dhami: सीएम धामी ने किया मां पूर्णागिरि मंदिर के जीर्णोद्धार का शिलान्यास, धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की पहल

उत्तराखंड राजनीति
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Pushkar Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार (2 नवंबर) को खटीमा (Khatima) के नगला तराई गांव में स्थित प्राचीन ‘पूर्णागिरि मंदिर’ (Purnagiri Temple) के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इस महत्त्वपूर्ण परियोजना में 2.54 करोड़ रुपए की लागत आने वाली है, जिससे मंदिर की भव्यता में इजाफा होगा और उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने की जीर्णोद्धार कार्य की सराहना

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा, “मां पूर्णागिरि मंदिर का यह निर्माण कार्य क्षेत्र की धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा।” उन्होंने इसे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

3,000 मीटर ऊंचाई पर स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ

‘मां पूर्णागिरि’ मंदिर उत्तराखंड के टनकपुर से लगभग 17 किमी दूर अन्नपूर्णा चोटी पर, समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि यह मंदिर 108 सिद्ध पीठों में से एक है और उसी स्थान पर स्थित है जहां माता सती की नाभि गिरी थी। चैत्र नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में विशेष रूप से विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।

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मंदिर का इतिहास और चमत्कारिक मान्यताएं

ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले एक व्यापारी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था और तभी से यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर से जुड़ी कई चमत्कारिक कथाएं और प्रचलित मान्यताएं इसे धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बनाती हैं। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए यहां आते हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश:

मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य जल्द शुरू किया जाए।

मंदिर के आसपास भक्तों की सुविधा के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की योजना बनाई जाए।

चैत्र नवरात्रि मेले के लिए विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

इस शिलान्यास से उत्तराखंड की धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक नई शुरुआत हुई है, जिसका राज्य के श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने स्वागत किया है।

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