Punjab

Punjab: चांसलर चुनने का हक सिलेक्टेड को नहीं इलेक्टेड होना चाहिए: CM मान

पंजाब
Spread the love

Punjab सीएम मान इस मामले को लेकर मीटिंग करेंगे।

Punjab: पंजाब सरकार द्वारा पास किए गए पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) कानून संशोधन बिल 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) द्वारा वापस किए जाने के बाद राजनीति गरमा गई है। सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) का कहना है कि चुना हुआ मुख्यमंत्री ही यूनिवर्सिटी का चांसलर (University Chancellor) होना चाहिए। हम चाहते हैं कि चांसलर को चुनने का हक सिलेक्टेड को नहीं इलेक्टेड होना चाहिए। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Punjab: जालंधर वेस्ट से जीते मोहिंदर भगत ने ली विधायक पद की शपथ

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

सीएम मान (CM Mann) ने कहा कि जब गवर्नर (Governor) ने बिल पास नहीं करना होता है तो इस वह इस तरह ही करते हैं। वह बिल राष्ट्रपति को भेजते हैं, उसके बाद राष्ट्रपति कुछ समय के लिए अपने पास रखकर वापस भेजे देते हैं।

पंजाब के सीएम ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल ने भी इस तरह का बिल पास किया था। उनकी दलील थी यूनिवर्सिटी का चांसलर (Chancellor) चुना हुआ मुख्यमंत्री को होना चाहिए। राष्ट्रपति ने उन्हें बिल वापस कर दिया। उन्होंने कहा अगर हमें पंजाबी यूनिवर्सिटी का वीसी बनाना है, तो तीन नाम गवर्नर साहब को देंगे। वह उनमें से एक नाम को चुनेंगे। ऐसे में चुनाव किसने किया सिलेक्टेड ने या फिर इलेक्टेड ने।

ये भी पढ़ेः Punjab Police को बड़ी कामयाबी..अमृतसर में बब्बर खालसा का आतंकी गिरफ्तार

हमने एसजीपीसी (SGPC) का बिल भी पास कर भेजा था, लेकिन उसका भी कुछ नहीं हुआ है। इसका मतलब यह होता है कि गवर्नर ने जो बिल पास नहीं करना होता है वह उसे राष्ट्रपति (President) के पास भेज देते हैं। वह चार, पांच महीने के बाद उसे वापस भेज देते है। इस मामले को लेकर मीटिंग करेंगे।