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Punjab: ईधन की 20 प्रतिशत मांग को Biofuel के जरिए पूरा करने का लक्ष्य: मंत्री अमन अरोड़ा

पंजाब
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Punjab की Maan सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।

Punjab News: पंजाब की मान सरकार (Maan Government) प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। बता दें कि पंजाब जैव ईंधन (Biofuels) उत्पादन में राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा (Minister Aman Arora) ने बताया कि पंजाब सरकार ने 2035 तक राज्य की कुल ईंधन मांग का 20 प्रतिशत जैव ईंधन के माध्यम से पूरा करने के लिए जैव ईंधन के लिए एक महत्वाकांक्षी पंजाब राज्य नीति का अनावरण किया है।
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मंत्री अमन अरोड़ा (Minister Aman Arora) ने कहा कि नीति का उद्देश्य पंजाब में कृषि अवशेषों से संपीड़ित बायोगैस, 2जी बायो-इथेनॉल और बायोमास पेलेट सहित जैव ईंधन के प्रोडक्शन को विकसित करना और बढ़ावा देना है।

इस पहल का उद्देश्य कम से कम 50 प्रतिशत कृषि और अन्य वेस्ट का इस्तेमाल करना है, जिससे मिट्टी की जैविक सामग्री में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके अलावा, यह राज्य के किसानों को बायोफ्यूल फसलों की खेती और बायोमास बेचकर अतिरिक्त आय स्रोत पैदा करने के अवसर प्रदान करेगा।

कृषि प्रधान राज्य होने के नाते, पंजाब में जैव ईंधन उत्पादन की महत्वपूर्ण क्षमता है, जो सालाना लगभग 20 मिलियन टन धान की पराली पैदा करता है, जिसमें से लगभग 12 मिलियन टन का उपयोग वर्तमान में अलग-अलग एप्लीकेशन में किया जाता है।

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उन्होंने कहा कि एक बार शुरू होने के बाद, ये परियोजनाएं हर साल लगभग 24-25 लाख टन धान की पराली का उपयोग करेंगी, साथ ही लगभग 5,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और अतिरिक्त 7,500 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेंगी।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) की तुलना में जैव ईंधन कम ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन करते हैं, जिससे वे एक साफ ऑप्शन बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त, वे कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करके, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करके और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रैक्टिस को बढ़ावा देकर एक चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।

उन्होंने मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और मोनोकल्चर प्रथाओं के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी रणनीतियों के रूप में अंतर-फसल और फसल चक्रण को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन में विविधता लाकर, किसान मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं, उपज के लचीलेपन में सुधार कर सकते हैं और पर्यावरण और कृषि उत्पादकता दोनों को लाभ पहुंचाने वाली टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा दे सकते हैं।

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कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा (Minister Aman Arora) ने आगे बताया कि वर्तमान में 85 टन प्रतिदिन (TPD) की कुल क्षमता वाली कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) की 4 परियोजनाएं चालू हैं। इसके अतिरिक्त, 20 टीपीडी की क्षमता वाली एक और सीबीजी परियोजना वित्तीय वर्ष 2024-25 में चालू होने वाली है। इसके अलावा, 59 टीपीडी की संयुक्त क्षमता वाली 6 अतिरिक्त परियोजनाएं वित्तीय वर्ष 2025-26 में शुरू की जाएंगी।