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Punjab: बाढ़ प्रभावित इलाकों में मानव स्वास्थ्य और पशुओं की तंदुरुस्ती के लिए प्रशासन को सख़्त निर्देश

पंजाब राजनीति
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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को अधिक से अधिक राहत देने के लिए बेहतर अंतर-विभागीय तालमेल का आदेश दिया

Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को राज्य के बाढ़ प्रभावित ज़िलों में लोगों को स्वास्थ्य जांच और उपचार संबंधी राहत देने के लिए अपने प्रयास तेज़ करने के निर्देश दिए।

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आज यहां समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बाढ़ों के कारण राज्य के कई ज़िलों में भारी नुकसान हुआ है और अब जब पानी उतरना शुरू हो गया है तो मनुष्यों और पशुओं में बीमारियाँ फैलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही मनुष्यों और पशुओं में बीमारियाँ फैलने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविरों से अब तक लगभग 1.50 लाख लोगों को लाभ पहुंचा है। शिविरों में बुखार, पेचिश, त्वचा रोग और अन्य बीमारियों के मामलों की बड़े स्तर पर पहचान हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के बाद आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए 14 सितंबर को विशेष स्वास्थ्य देखभाल अभियान शुरू किया गया। इसमें बाढ़ प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, बरसात के मौसम में फैलने वाली बीमारियों से बचाव, संक्रामक रोगों की रोकथाम, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को बीमारियों से बचाना शामिल है। इसके अलावा बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जा रही है। इस अभियान के तहत सभी प्रभावित 2303 गांवों में तीन दिनों के दौरान मेडिकल जांच शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में डॉक्टर, पैरामेडिकल टीमें, सहयोगी स्टाफ़ के साथ-साथ आवश्यक दवाइयाँ और अन्य सामान भी उपलब्ध कराया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह हर आशा वर्कर अपने गांव के हर घर तक जा रही है और अब तक लगभग 2.47 लाख घरों तक पहुंच बनाई जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य किटें बाँटी गई हैं, जिनमें ओ.आर.एस., मच्छर मार दवा, पैरासिटामोल, सिट्राज़िन, क्लोरीन की गोलियाँ, साबुन और अन्य बुनियादी चिकित्सीय सहायता की सामग्री शामिल है। लक्ष्य है कि 20 सितंबर 2025 तक हर घर तक पहुंच बनाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी गांवों को कवर करने के मक़सद से 21 दिनों तक फॉगिंग और मच्छरों को नियंत्रित करने का अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत घर-घर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जांच की जाएगी और जहाँ लार्वा मिलेगा वहाँ तुरंत छिड़काव किया जाएगा। जहाँ भी लार्वा पाया गया है, वहाँ रोज़ाना आधार पर छिड़काव करवाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग ने भी पशुओं में बीमारियाँ फैलने से रोकने के लिए जोरदार अभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि अब तक 14,780 पशुओं का उपचार और 48,535 पशुओं का मुफ़्त टीकाकरण किया जा चुका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ में मरे हुए जानवरों के शवों का सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जा रहा है, ताकि बीमारियाँ फैलने से रोकी जा सकें और मिट्टी व पानी प्रदूषित न हों। मुख्यमंत्री ने गाँवों, गलियों, तालाबों (फिरनी, नाली, गली और अन्य) में बिना देरी सफ़ाई की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में बाहरी फॉगिंग के साथ-साथ कचरे का समय पर निपटान और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके। भगवंत सिंह मान ने प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सफ़ाई अभियान चलाने, खड़े पानी की निकासी और फॉगिंग की वकालत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों और गांवों के आसपास से गंदे पानी की निकासी सुनिश्चित की जाए और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए फॉगिंग व सफ़ाई अभियान में ग्राम रोज़गार सेवकों को लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सफ़ाई का काम 21 सितंबर तक पूरा होना चाहिए और गाँवों में पशुओं के बाड़ों और चारा रखने की जगहों की भी सफ़ाई होनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुओं की खुरलियों और पानी पिलाने वाली जगहों की भी पूरी सफ़ाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों को पोटैशियम परमैंगनेट मुफ़्त वितरित किया जा रहा है, ताकि पशुओं के बाड़ों और पानी पिलाने की जगहों को बीमारियों से मुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को सलाह दी गई है कि पशुओं के खुरों को भी पोटैशियम परमैंगनेट से नियमित रूप से साफ़ किया जाए, ताकि उनके खुरों में कोई बीमारी न लगे। उन्होंने कहा कि पशुओं के थनों में रोग का ख़तरा कम करने के लिए दूध दुहने से पहले थनों को अच्छी तरह से दवा से साफ़ करवाया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुपालकों को ऐसे हालात में पशुओं की अच्छी देखभाल के लिए जागरूक करने हेतु गांवों में शिविर लगाए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक दवाइयाँ मुफ़्त बाँटी जा रही हैं और अन्य सहायता भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित गांवों के शिविरों में 14,780 पशुओं का आवश्यक उपचार किया जा चुका है और सभी प्रभावित ज़िलों में 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन कंट्रोल रूमों की निगरानी संबंधित पशु चिकित्सक अधिकारी कर रहे हैं और किसानों को मोबाइल पर सलाह भी दी जा रही है। बेहतर अंतर-विभागीय तालमेल की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कठिन घड़ी में लोगों को राहत पहुँचाना समय की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी की नियमित जाँच और क्लोरीनेशन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए जल आपूर्ति पाइपलाइनों की किसी भी प्रकार की रिसाव की तुरंत मरम्मत सुनिश्चित होनी चाहिए। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. रवजोत, तरुणप्रीत सिंह सौंद, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और अन्य मौजूद थे।