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Punjab: मान सरकार का बड़ा फैसला, श्रम विभाग की सभी सेवाएं हुईं डिजिटल, अब एक क्लिक में होगा सारा काम

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Punjab: मान सरकार की नई पहल, श्रमिकों के लिए छात्रवृत्ति और शगुन योजना की शर्तें में हुआ बड़ा बदलाव

Punjab News: पंजाब के लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। पंजाब की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Sarkar) राज्य में डिजिटल तकनीक (Digital Technology) को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) के नेतृत्व में श्रम विभाग (Labour Department) ने विभिन्न अधिनियमों के तहत प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं और औद्योगिक योजनाओं को अब डिजिटल कर दिया है। अब एक क्लिक से सभी सेवाओं और योजनाओं का लाभ आपको घर बैठे मिलेगा।
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पंजाब सरकार के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद (Tarunpreet Singh Saund) ने जानकारी दी कि बिल्डिंग प्लान की मंजूरी, फैक्ट्रियों का रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस के लिए मंजूरी, लाइसेंस का नवीनीकरण, लाइसेंस में बदलाव, रात की शिफ्ट में महिलाओं को रोजगार देने की अनुमति, प्रिंसिपल एम्प्लॉयर का रजिस्ट्रेशन और ठेकेदार के लाइसेंस की मंजूरी अब ऑनलाइन ली जा सकती है। ये सभी सेवाएं वेबसाइट https://pblabour.gov.in से उपलब्ध होंगी। उन्होंने आगे जानकारी दी कि वेलफेयर फंड के भुगतान, पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड से लाभ संबंधित दावों, निर्माण स्थल के रजिस्ट्रेशन, ट्रेड यूनियनों के रजिस्ट्रेशन, श्रम कानूनों के तहत वार्षिक रिटर्न जमा करने, पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से लाभ से जुड़े हुए दावों और दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के रजिस्ट्रेशन जैसी सेवाएं भी इसी वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

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इसके साथ ही, पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा छात्रवृत्ति योजना, एल.टी.सी. योजना और शगुन योजना समेत दूसरी भगवंत मान सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के नियमों और शर्तों में भी ढील दी गई है। मंत्री सौंद ने आगे कहा कि श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना के लिए अब श्रमिक की दो साल की सेवा अनिवार्य नहीं होगी। अब श्रमिक इस योजना का लाभ योगदान करने की डेट से ही प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार, शगुन योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। अब श्रमिक, विवाह स्थल और विवाह करवाने वाले धार्मिक व्यक्ति की तस्वीरें संलग्न कर शगुन योजना का लाभ ले सकता है।