Punjab में रेशम उत्पादन के लिए बागवानी विभाग ने कमर कस ली है।
Punjab: पंजाब में रेशम उत्पादन के लिए बागवानी विभाग (Horticulture Department) ने कमर कस ली है। पंजाब में रेशम उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा (Chetan Singh Jodamajra) के दिशा-निर्देशों के तहत डायरेक्टर बागवानी शैलिंदर कौर (Shalinder Kaur), आई.एफ.एस. की अगुवाई में परियोजना निगरानी समिति (PMC) की एक विशेष बैठक की गई। इसमें विभाग के सेरीकल्चर विंग, रेशम पट्टी और केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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पंजाब के कंडी क्षेत्र में रेशम उत्पादन को प्रोत्साहित करने, पंजाब सिल्क ब्रांड लॉन्च करने के सपने को साकार करने और अधिक से अधिक किसानों को इस क्षेत्र से जोड़ने संबंधी बागवानी मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के मद्देनजर डायरेक्टर बागवानी ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। बता दें कि रेशम उत्पादन का काम राज्य में मुख्यतः कंडी क्षेत्र में छोटे किसानों, विशेषकर महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
रेशम पालकों को दी जाने वाली सुविधाओं का लिया जायजा
डायरेक्टर बागवानी शैलिंदर कौर (Shalinder Kaur) ने विभिन्न योजनाओं के तहत रेशम पालकों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया और इन योजनाओं को राज्य में सही ढंग से लागू करने और रेशम उत्पादन के विकास को और प्रोत्साहित करने के लिए नए प्रयास करने और पहलकदमियों बनाने पर चर्चा की।
बैठक के दौरान केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों डॉ. संतोष, साइंटिस्ट-डी, आरएसआरएस जम्मू, अनिल कुमार मन्ना, सहायक सचिव, केंद्रीय रेशम बोर्ड, नई दिल्ली और आलोक सिंह, साइंटिस्ट-बी आरएसआरएस जम्मू ने मुख्य रूप से भाग लिया।
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राज्य में उत्पादित उच्च गुणवत्ता वाले रेशम (Silk) की सराहना करते हुए केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के तहत सेरीकल्चर विभाग पंजाब को रेशम उत्पादकों के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे प्लांटेशन, कीट पालन घर, रेरिंग उपकरण, प्रशिक्षण एक्सपोजर विजिट के तहत तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि पंजाब सरकार और बागवानी विभाग के सहयोग से राज्य में रेशम कीट पालकों को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से ऊंचा उठाने में यह काम मुख्यतः सहायक हो सके।