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Punjab: Maan सरकार की ऐतिहासिक पहल, अनाथ बच्चों के भविष्य के लिए बड़ा ऐलान

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Punjab: मान सरकार ने अथान बच्चों के लिए की बड़ी घोषणा

Punjab News: पंजाब की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Sarkar) पंजाब के विकास के लिए लगातार नए नए प्रयास कर रही है। इसी क्रम में बाल गृहों में रहने वाले बच्चों का भविष्य सुधरा जा सके इसके लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार में सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर (Dr. Baljit Kaur) ने सरकारी बाल गृहों और निरीक्षण गृहों/विशेष गृहों में रहने वाले बच्चों के भविष्य को आकार देने के लिए एक जरूरी कदम उठाते हुए चेन्नई (Chennai) स्थित एनजीओ नालंदावे फाउंडेशन (Nalandave Foundation) के साथ साझेदारी की घोषणा की। इसके साथ ही विभाग समझौता ज्ञापन (MOU) पर सिग्नेचर किए।
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छतबीर (Chattbir) में शुरू की गई यह योजना कला-आधारित कल्याण पर केंद्रित है और इस योजना का लक्ष्य इन बच्चों के पुनर्वास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना बच्चों के लिए कला को चिकित्सा के रूप में प्रयोग करने पर केंद्रित है, जिससे उन्हें अपने दर्दनाक अनुभवों से उबरने और ठीक होने में सहायता मिल सके। आपको बता दें कि बाल गृहों में ऐसे बच्चे रहते हैं जो यौन हिंसा के शिकार हुए हैं या जिन्होंने माता-पिता को खो दिया है या जो कानून के साथ संघर्ष कर रहे हैं। ये बच्चे राज्य से विशेष सुरक्षा और सहायता के हकदार हैं।

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जानिए क्या है परियोजना का उद्देश्य

डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी कि पंजाब में अपनी तरह की यह पहली पहल पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान के निर्देशों के मुताबिक है। इस परियोजना का उद्देश्य पंजाब के सरकारी बाल देखभाल संस्थानों (CCI) में रहने वाले बच्चों को शामिल करना है, जिनमें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले कनून के साथ संघर्ष करने वाले बच्चे शामिल हैं। इन बच्चों को 21वीं सदी के कौशल विकास, रोजगार प्रशिक्षण, करियर मार्गदर्शन, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और मजबूत करने के लिए शैक्षणिक सहायता के मौके मिलेंगे।

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डॉ. कौर ने आगे कहा कि हर बच्चे का एक सपना होता है, लेकिन राज्य द्वारा संचालित सीसीआई में पढ़ने वाले बच्चों को अनूठी समस्या का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों को अपने भविष्य को आकार देने के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनमें से कई में छिपी हुई प्रतिभाएं भी होती हैं जिन्हें पोषित करने की आवश्यकता होती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और दिल्ली सीसीआई में अपने अनुभव के साथ नालंदावे फाउंडेशन इन बच्चों की भलाई को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एनजीओ बुनियादी साक्षरता कौशल में जरूरी सहायता प्रदान करेगा, जिसमें पढ़ना, लिखना भी शामिल है और सीसीआई के अन्दर 6-18 साल के बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कैरियर परामर्श के लिए संक्रमणकालीन सहायता प्रदान करेगा।

कोई कैप्टन तो कोई गायक बनना चाहता है

डॉ. बलजीत कौर ने पहले चरण में 6 सरकारी बाल गृहों और 5 पर्यवेक्षण/विशेष गृहों में कला-आधारित कल्याण कार्यक्रम के विस्तार की घोषणा की। इसके अगले चरण में 4 सरकारी सहायता प्राप्त बाल गृहों को शामिल किया जाएगा। छतबीर चिड़ियाघर में दोपहर के भोजन के बाद विशेष दौरे के समय डॉ. कौर ने बच्चों से बातचीत भी की, जिनमें से प्रत्येक बच्चा एक दिल दहला देने वाली कहानी और बड़े सपनों के बारे में बताया। 8वीं कक्षा की एक लड़की सेना में कैप्टन बनने की इच्छा जाहिर की, जबकि दूसरी नागरिक सेवा करने के लिए सरकारी अधिकारी बनना चाहती है। लड़कों में से एक पुलिस में शामिल होना चाहता है, तो कोई गायब बनना चाहता है। डॉ. कौर ने उनके भविष्य को आकार देने और 18 वर्ष की आयु के बाद उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

महिला एवं बाल विकास निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल ने आभार जताते हुए नालंदावे फाउंडेशन के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के लाभों को अधिकतम करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इस साझेदारी का लक्ष्य सीसीआई में रहने वाले बच्चों में मूल्यों को विकसित करना और कौशल-आधारित व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना है। आपको बता दें कि नालंदावे के सीईओ श्रीराम वी ने मंत्री को कला-आधारित पहल के माध्यम से सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्त करने और पंजाब में सीसीआई में रहने वाले बच्चों के भविष्य को आकार देने का भरोसा दिया। इस दौरान डॉ. बलजीत ने चिड़ियाघर परिसर में पौधारोपण भी किया और सभी से अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की अपील की।