Jyoti Shinde,Editor
चंडीगढ़, 25 सितम्बर: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें वो विपक्षी पार्टी बीजेपी पर हमलावर दिखे। चीमा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए ऋण संबंधी सवालों पर विरोधी पार्टियों की जमकर खिंचाई की।
ये भी पढ़ें: एशियाई खेलों में हिस्सा ले रहे 58 खिलाड़ियों को CM का बड़ा तोहफ़ा
चीमा ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए ऋण के एक-एक पैसे का विवरण देते हुए बताया कि कुल ऋण में से पिछली अकाली- भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा लिए ऋण के ब्याज के तौर पर 27 हज़ार करोड़ रुपए अदा किये गए हैं। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को केंद्र सरकार से 8145 करोड़ रुपए के बकाए दिलाने में राज्य सरकार की मदद करने की भी अपील की।
ये भी पढ़ें: Punjab में युवाओं को रोज़गार..वादों को पूरा कर रही है मान सरकार
यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब पर पिछले डेढ़ साल के दौरान चढ़े 47,109 करोड़ रुपए के ऋण के जवाब में 48,530 करोड़ रुपए का लेखा-जोखा दिया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ साल के दौरान 47109 करोड़ रुपए का ऋण उठाया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान उठाए गए 32,448 करोड़ रुपए और 1 अप्रैल, 2023 से 31 अगस्त तक 14661 करोड़ रुपए के ऋण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसमें से 27,106 करोड़ रुपए पिछली अकाली- भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए ऋण पर ब्याज के तौर पर अदा किये गए थे।
उन्होंने कहा कि पूँजीगत खर्चों पर 10,208 करोड़ रुपए ख़र्च करने के अलावा राज्य सरकार ने पनसप और पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक के 1148 करोड़ रुपए के ऋण को सहन किया, जिससे इन संस्थाओं को बचाया जा सके। इसके अलावा पिछली सरकारों के बकाया बिजली सब्सिडी बिल के 2556 करोड़ रुपए पी.एस.पी.सी.एल. को अदा किये गए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ग्रामीण विकास फंड के 798 करोड़ रुपए, गन्ना किसानों के 1008 करोड़ रुपए, केंद्रीय स्पॉन्सर्ड स्कीमों के 1750 करोड़ रुपए अदा किये गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सस्ती दरों पर ऋण दिलाने के लिए स्थापित किये सिंकिंग फंड में भी 4000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र की ओर कुल 8145 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसमें 5637 करोड़ रुपए ग्रामीण विकास फंड, 1857 करोड़ रुपए विशेष पूँजी सहायता और 651 करोड़ रुपए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पत्र लिखने के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार की ओर बकाया ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) समेत राज्य के बकाए मांगने के लिए सम्बन्धित केंद्रीय मंत्री के साथ मुलाकातें भी की। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल को केंद्र सरकार से बकाया राशि दिलाने में मदद करने की अपील की।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के विरुद्ध झूठी बयानबाज़ी करने वाले विरोधी पक्ष के नेताओं को कड़ा जवाब देते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य ने जी.एस.टी. में 17 प्रतिशत, आबकारी राजस्व में 44 प्रतिशत, वाहनों से टैक्सों में 13 प्रतिशत, और स्टैंप एवं रजिस्ट्रेशन से राजस्व में 3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत करके अकाली- भाजपा सरकार द्वारा पंजाब को दी गई 32,000 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट कजऱ्े की सौग़ात की ब्याज दर को घटाकर 7.35 प्रतिशत करने में सफलता हासिल की है, जिससे राज्य को 3500 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
इस मौके पर मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मंगलवार से अमृतसर में होने वाली नॉर्थ ज़ोनल कौंसिल की मीटिंग के दौरान राज्य के मुद्दों को ज़ोरदार ढंग से उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कौंसिल की पिछली मीटिंग के दौरान बी.बी.एम.बी और पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे प्रभावशाली ढंग से उठाए गए थे। हरियाणा द्वारा अलग विधान सभा बनाने के लिए चंडीगढ़ से ज़मीन लेने की कोशिशों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा, हरियाणा पंचकूला में अपनी अलग विधान सभा बना सकता है।
कैनेडा-भारत विवाद संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैनेडा में केवल पंजाब के ही नहीं पूरे भारत के विद्यार्थी पढ़ते हैं और वहाँ कई भारतीय पेशेवर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कैनेडा के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के द्वारा इस मुद्दे को जल्दी हल करना चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पहले तो हमेशा ही नैतिक-मूल्यों की बात होती थी फिर अब वह कानून से क्यों भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री को अपना कायरता वाला रवैया छोड़ कर अपने आप को कानून के सुपुर्द कर देना चाहिए, क्योंकि यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो वह डरते क्यों हैं।
भाजपा के मौजूदा प्रधान और कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ और कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पंजाब की वित्तीय हालत और ऋण संबंधी दिए गए बयानों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनके शासन के दौरान राज्य पर सबसे अधिक ऋण चढ़ा था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार न केवल बकाया ऋण माफ कर रही है, बल्कि सत्ता में आने के पहले दिन से ही राज्य के लोगों के साथ किये वादे पूरे कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 37 हज़ार नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं, 13 हज़ार अस्थायी अध्यापकों की सेवाओं को नियमित किया गया है और उनके वेतन में तीन गुना वृद्धि की गई है, प्रशिक्षण के दौरान पटवारियों का भत्ता 5000 रुपए से बढ़ाकर 18000 रुपए किया गया है, बिजली बिल को घटा कर ज़ीरो कर दिया गया है और आम आदमी क्लीनिकों की स्थापना समेत कई बड़ी पहलें की गई हैं।