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Punjab: CM मान की पंजाब वासियों से नशा और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में साथ देकर शहीद भगत सिंह के सपनों को साकार करने की अपील

पंजाब राजनीति
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लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री तो बदलते रहे, पर उनके भाषण नहीं बदले

कैप्टन, बादल और मजीठिया ने हमेशा पंजाब विरोधी ताकतों का साथ दिया

Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब को नशा और भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने के लिए प्रदेशवासियों से सरकार का मजबूती से साथ देने की अपील करते हुए कहा कि यह प्रयास हम सभी की ओर से शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगा।

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आज यहां शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह विरासती कॉम्प्लेक्स की नींव रखने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है और इन अपराधों में शामिल बड़ी मछलियों को जेल के पीछे डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस जंग ने पारंपरिक पार्टियों के दोहरे चेहरे को भी उजागर कर दिया है, जो प्रदेश को लूटने और नशे के ज़रिये युवाओं की नस्लकुशी में समान रूप से जिम्मेदार हैं।

भगवंत मान ने कहा कि यह लड़ाई तभी सफल हो सकती है, जब प्रदेश की जनता इसमें सक्रिय भूमिका निभाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन, बादल और मजीठिया ने अपने निजी हितों के लिए पंजाब और इसके लोगों की पीठ में छुरा घोंपने की अपने परिवारों की “दोगली विरासत” को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया, जो कि नशे के धंधे में शामिल होने के कारण आज जेल की सलाखों के पीछे हैं, के पूर्वजों ने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड की रात जनरल डायर को रात्रि भोज पर बुला कर जनता की पीठ में छुरा मारा था।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अपने भतीजे मजीठिया के मानवाधिकारों की बात कर रहे हैं, उनका और उनके परिवार का संदेहास्पद इतिहास रहा है जिसमें उन्होंने हमेशा मुगलों, अंग्रेजों और अब भाजपा जैसी पंजाब विरोधी ताकतों का साथ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके उलट उनकी सरकार शहीद भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आज़ादी का फल हर घर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के 75 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका वास्तविक लाभ हर नागरिक तक नहीं पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने आज़ादी का अनुचित लाभ उठाकर पंजाब को नशे, भ्रष्टाचार और जनधन की लूट जैसे अभिशापों में धकेल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अब तक के प्रधानमंत्री हर वर्ष लाल किले से अपने भाषणों में एक जैसे बयान देते आए हैं, परंतु आम जनता आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह के सपने अभी तक साकार नहीं हुए क्योंकि इन नेताओं ने कभी इसके लिए ईमानदारी से प्रयास ही नहीं किए। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद ऊधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, माई भागो, ग़दर के सेनानी और अन्य महान शहीदों को सत्ता में बैठे लोगों से किसी प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों ने देश की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें अपने देशभक्ति के लिए किसी भी एनओसी की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इन महान देशभक्तों और राष्ट्रीय नायकों का ऐसा अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि उन महान शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन महान शहीदों की विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोकर रखने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

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भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश हमेशा शहीद भगत सिंह का ऋणी रहेगा जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह कोई साधारण इंसान नहीं थे, बल्कि एक विचार थे और हमें देश की प्रगति के लिए उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का हर प्रयास शहीद भगत सिंह के सपनों के अनुसार एक प्रगतिशील और खुशहाल पंजाब बनाने की दिशा में समर्पित है। उन्होंने कहा कि संसद सदस्य के रूप में उनका हर कार्य शहीद भगत सिंह से प्रेरित रहा है, क्योंकि उन्हें उसी स्थान से जनता की आवाज़ बनने का अवसर मिला, जहां से शहीद भगत सिंह ने ब्रिटिश शासन को झकझोरने के लिए बम फेंका था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रीमंडल ने खटकड़ कलां की पवित्र धरती पर अपने पद की शपथ ली हो। उन्होंने बताया कि 23 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह जी की शहादत दिवस पर हुसैनीवाला से भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन की शुरुआत की गई थी, जो इस लड़ाई की शुरुआत थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एसएएस नगर (मोहाली) के प्रवेश द्वार पर शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी की 30 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कड़े प्रयासों के चलते मोहाली एयरपोर्ट का नाम आधिकारिक रूप से शहीद भगत सिंह जी के नाम पर रखा गया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों में शहीद भगत सिंह और डॉ. बी. आर. अंबेडकर की तस्वीरें लगाने का भी निर्णय लिया है ताकि लोग इन महान हस्तियों से प्रेरणा लेकर राज्य की सेवा करें। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद, विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी, संतोष कटारिया समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे।