जेल बंदियों पर नकेल कसने और जेलों में सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
Punjab News: जेलों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट ने आज जेल स्टाफ के विभिन्न संवर्गों में 500 रिक्त पदों को भरने को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री के कार्यालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया।
ये भी पढ़ें: Punjab: 150 से अधिक नशा तस्करों की जमानतें कराने वाले रेनू कांता गिरोह का भंडाफोड़

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जेल विभाग, पंजाब में सीधी भर्ती कोटे के तहत सहायक अधीक्षक, वार्डर और मैट्रन के 500 रिक्त पदों को भरने की अनुमति दी है। इस भर्ती में 29 सहायक अधीक्षक, 451 वार्डर और 20 मैट्रन शामिल होंगे, जिनका चयन पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इससे जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूती मिलेगी तथा जेलों के संचालन में सुचारुता आएगी।
औद्योगिक प्लॉटों के वितरण और उप-वितरण हेतु व्यापक नीति को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पीएसआईईसी द्वारा प्रबंधित औद्योगिक एस्टेट्स में औद्योगिक प्लॉटों के वितरण और उप-वितरण के लिए एक व्यापक नीति को भी मंजूरी दी है, ताकि भूमि का उपयोग अधिक दक्षता से किया जा सके। यह नीति उद्योगपतियों, प्लॉट मालिकों और प्रमुख औद्योगिक संगठनों जैसे CII, मोहाली चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड IT, और मोहाली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की मांगों को पूरा करती है।
यह नीति विशेष रूप से छोटे औद्योगिक प्लॉटों, विशेषकर IT और सेवा क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करती है, ताकि भूमि के कुशल उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके, निवेश को आकर्षित किया जा सके और वितरण के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित की जा सके। यह नीति 1000 वर्ग गज या उससे बड़े फ्रीहोल्ड प्लॉटों पर लागू होगी, जिसमें उप-वितरित प्लॉट का न्यूनतम आकार 400 वर्ग गज होगा। इसके लिए मूल प्लॉट की वर्तमान रिजर्व कीमत का 5% शुल्क लिया जाएगा, जो मृत अलॉटी के परिवार के सदस्यों या कानूनी वारिसों के लिए घटाकर 50% कर दिया गया है।
इस नीति में इसके क्रियान्वयन को सुचारू बनाने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी शामिल है। यह ऐतिहासिक निर्णय राज्य सरकार की कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नशे के खिलाफ लड़ाई के लिए उच्चाधिकारियों वाली कैबिनेट सब-कमेटी के गठन को दी कार्योत्तर मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य में ‘नशे के खिलाफ जंग’ कार्यक्रम को और तेज़ करने के लिए एक उच्च-स्तरीय कैबिनेट सब-कमेटी के गठन को कार्योत्तर मंजूरी दी। यह समिति नशा विरोधी प्रयासों की दैनिक निगरानी में मदद करेगी जिससे पंजाब को नशे के खतरे से मुक्त किया जा सकेगा और युवाओं को इस अभिशाप से दूर रखा जा सकेगा।
पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ (फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की वैधता) नियम, 2025 को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने “पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज़ (फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की वैधता)” नियम, 2025 को भी मंजूरी दी है। इससे राज्य सरकार को एक अधिसूचना के माध्यम से उन इमारतों या परिसरों, जिनमें विशेष जोखिम की श्रेणियां आती हैं, के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र की वैधता अवधि निर्धारित करने का अधिकार मिल सकेगा।
पंजाब फैक्टरी नियम, 1952 में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” के तहत पंजाब फैक्टरी नियम, 1952 के नियम 2ए, 3ए, 4 और 102 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत कोई भी सिविल/स्ट्रक्चरल/मैकेनिकल इंजीनियर जिसकी 5 साल की या मास्टर डिग्री के साथ 2 साल की अनुभव हो, वह फैक्ट्रियों की सेल्फ सर्टिफिकेशन योजना के तहत विभाग से अनुमोदन के लिए पात्र होगा।
इसी तरह, 5 साल के अनुभव वाले किसी भी सिविल/स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा या 2 साल के अनुभव वाली मास्टर डिग्री प्राप्त इंजीनियर द्वारा किए गए संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र को विभाग द्वारा स्वीकृति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, महिला कर्मचारियों को मिट्टी के बर्तन व सेरामिक्स निर्माण और वनस्पति तेल निष्कर्षण प्रक्रिया में काम करने की अनुमति दी जाएगी, जिस पर वर्तमान में रोक है।
पंजाब मजदूर कल्याण कोष अधिनियम 1965 में संशोधन को स्वीकृति
कैबिनेट ने पंजाब मजदूर कल्याण कोष अधिनियम, 1965 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। चूंकि अधिनियम के कई प्रावधान वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए उन्हें आधुनिक और प्रगतिशील बनाया गया है ताकि श्रमिकों के हितों की बेहतर रक्षा की जा सके। यह कोष श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सहायता प्रदान करेगा।
पंजाब वित्तीय नियम भाग-I और भाग-II के अद्यतन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब वित्तीय नियमों के भाग-I और भाग-II को अपडेट करने के लिए हरी झंडी दे दी है क्योंकि यह नियम 1984 में बनाए गए थे। तब से वित्त विभाग ने कई निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें नियमों में शामिल करना आवश्यक था ताकि मुकदमेबाज़ी और भ्रम से बचा जा सके।
पीआरटीपीडी अधिनियम की धारा 29(3) में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब क्षेत्रीय और नगर योजना और विकास अधिनियम (PRTPD Act) की धारा 29(3) में संशोधन को मंजूरी दी है, जिससे अब पंजाब के मुख्य सचिव को अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA), नोएडा, मेरठ, कानपुर, लखनऊ जैसी संस्थाओं की तर्ज पर विकास प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा।
गौरतलब है कि पहले मुख्यमंत्री ही चेयरमैन होते थे लेकिन उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण कई बार प्राधिकरण का कार्य प्रभावित होता था। इसके साथ ही इन विकास प्राधिकरणों में वित्त, उद्योग, जल आपूर्ति, स्वच्छता और अन्य विभागों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
ये भी पढ़ें : Punjab सरकार करवाएगी अफसरों का विदेश टूर, इस विभाग के लिए जारी हुए आदेश

